मतदाता सूची पुनरीक्षण में बढ़ी उलझन: SIR 2003 में नाम नहीं तो क्या करें? चुनाव आयोग ने जारी की नई गाइडलाइन
SIR: पटना। देश के नौ राज्यों और तीन केंद्रशासित प्रदेशों में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान बड़ी संख्या में मतदाताओं में भ्रम की स्थिति देखी जा रही है। कई लोग परेशान हैं क्योंकि उनका नाम एसआईआर 2003 की सूची में मौजूद नहीं है। आयोग के अनुसार 99% गणना प्रपत्र (Enumeration Form) वितरित किए जा चुके हैं और बीएलओ फॉर्म एकत्र कर उनके डिजिटलीकरण में लगे हैं, लेकिन फॉर्म भरने को लेकर लोगों में संशय बढ़ गया है।
SIR: चुनाव आयोग के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति का नाम 2003 की SIR सूची में नहीं है या वह उस समय किसी अन्य स्थान पर रहता था, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि फॉर्म को अधूरा या गलत भरना नाम कटने का कारण बन सकता है। इसलिए हर कॉलम में सही और पूरी जानकारी देना आवश्यक है।
SIR: आयोग ने निर्देश दिए हैं कि एसआईआर 2003 में नाम नहीं होने पर मतदाता अपने माता-पिता, दादा-दादी या नाना-नानी के नाम, EPIC नंबर, विधानसभा और बूथ विवरण को फॉर्म में लिंक करें। इससे आपका नाम उनसे जुड़कर मतदाता सूची में शामिल हो जाएगा।
SIR: फॉर्म में अपनी फोटो, नाम, जन्म तिथि (आधार के अनुसार), मोबाइल नंबर और पारिवारिक विवरण सही भरना जरूरी है। विवाहित महिलाओं के लिए निर्देश है कि वे वही विवरण भरें जो 2003 की सूची में दर्ज है।
SIR: यदि परिवार में किसी का नाम भी 2003 की सूची में नहीं है, फिर भी फॉर्म भरें। ऐसी स्थिति में जिला कार्यालय नोटिस भेजकर सुनवाई के लिए बुलाएगा, जहाँ 12 अधिकृत दस्तावेजों में से कोई एक प्रस्तुत कर सत्यापन कराया जा सकता है। सत्यापन के बाद नाम मतदाता सूची में सुरक्षित रखा जाएगा।

