Naraka Chaturdashi 2024: छोटी दिवाली पर क्यों जलाया जाता है यम का दीया, और क्यों होती है हनुमान जी की पूजा, जानें सब कुछ बस एक क्लिक में...

आध्यात्म डेस्क: नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है, दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है। इस दिन की मान्यताओं के अनुसार यमराज का दीपक जलाने और हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व होता है। जानिए इस दिन से जुड़ी पौराणिक मान्यताएं और पूजा के शुभ मुहूर्त।
यम का दीपक क्यों जलाते हैं?
नरक चतुर्दशी पर यमराज का दीपक जलाने की परंपरा है। इस दीपक का उद्देश्य मृत्यु के देवता यमराज को प्रसन्न करना और परिवार को अकाल मृत्यु के भय से मुक्त करना है। मान्यता है कि यम का दीपक जलाने से परिवार पर यमराज की कृपा बनी रहती है, और नरक के द्वार बंद करने के लिए प्रार्थना की जाती है ताकि घर में स्वास्थ्य और समृद्धि बनी रहे।


कैसे जलाएं यमराज का दीपक
यमराज के लिए दीपक जलाने का एक विशेष विधान है। एक बड़ा और चौमुखा मिट्टी का दीपक लें, जिसमें चार बत्तियां लगाएं और सरसों का तेल भरें। शाम को प्रदोष काल में, परिवार के सभी सदस्यों की उपस्थिति में इस दीपक को घर के प्रत्येक कोने में घुमाकर, दक्षिण दिशा में बाहर रख दें। इससे परिवार पर यमराज की कृपा बनी रहती है।


छोटी दिवाली 2024 का शुभ मुहूर्त
ज्योतिष के अनुसार, छोटी दिवाली को ही यम चतुर्दशी कहा जाता है और इस दिन पूजा का विशेष समय होता है। ज्योतिषाचार्य राकेश चतुर्वेदी के अनुसार, इस वर्ष यमराज का दीपक जलाने का शुभ मुहूर्त शाम 6:49 बजे से 7:43 बजे तक रहेगा। यह समय अत्यंत शुभ माना गया है क्योंकि यम दीपक जलाने का सर्वोत्तम समय सूर्यास्त के 40 मिनट बाद का होता है।
नरक चतुर्दशी पर हनुमान जी की पूजा क्यों?
पौराणिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को हनुमान जी का जन्म हुआ था। वाल्मीकि रामायण के अनुसार, हनुमान जी को इसी दिन माता सीता ने अमरता का वरदान दिया था। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है, और भक्तों पर हनुमान जी की कृपा बनी रहती है।
हनुमान चालीसा का महत्व
नरक चतुर्दशी के दिन घर के मुख्य द्वार पर सरसों के तेल का दीपक जलाना शुभ माना जाता है। हनुमान चालीसा का पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सुख-शांति का वास होता है। इस दिन प्याज और लहसुन का सेवन न करें और देर तक सोने से भी बचें। जरूरतमंदों को दान करने से पुण्य प्राप्त होता है और जीवन में सकारात्मकता आती है।


इन बातों का रखें विशेष ध्यान :
मुख्य द्वार पर दीपक: सरसों के तेल का एकमुखी दीपक मुख्य द्वार पर जलाएं।
हनुमान चालीसा का पाठ: हनुमान चालीसा का पाठ घर के सभी सदस्य मिलकर करें।
दान: इस दिन जरूरतमंदों को दान अवश्य दें, जिससे जीवन में शुभता बनी रहे।
नरक चतुर्दशी पर इन परंपराओं का पालन करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। इस दिवाली, यमराज का दीपक जलाकर और हनुमान जी की पूजा करके अपने परिवार की सुरक्षा और समृद्धि की प्रार्थना करें।