Kartik Purnima 2024 : देव दिवाली पर बनेंगे विशेष योग, दीपदान से मिलेगा सौ गुना फल...

- Rohit banchhor
- 14 Nov, 2024
इस दिन विशेष शुभ योगों का संयोग बन रहा है, जो इसे और भी खास बना रहे हैं।
Kartik Purnima 2024 : डेस्क न्यूज। कार्तिक पूर्णिमा का पर्व इस बार 15 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा, जिसे देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन नदियों, घाटों और मंदिरों में दीपदान का विशेष महत्व है, जिससे सौ गुना पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस दिन विशेष शुभ योगों का संयोग बन रहा है, जो इसे और भी खास बना रहे हैं। तो आइए जानते है इस पर्व पर कौन-कौन से शुभ योग बन रहे हैं और दीपदान का क्या महत्व है।
Kartik Purnima 2024 : शुभ योगों का विशेष संयोग-
इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्रमा और मंगल ग्रह एक-दूसरे की राशि में रहेंगे, जिससे राशि परिवर्तन योग का निर्माण होगा। इसके अलावा, इस दिन गजकेसरी योग, बुधादित्य राजयोग और शनि का शश राजयोग का भी संयोग बन रहा है। शनि कुंभ राशि में मार्गी होकर शश राजयोग का निर्माण करेंगे। इन सभी योगों में किया गया दान और दीपदान आर्थिक समस्याओं से मुक्ति दिलाने वाला और सौ गुना फल देने वाला माना गया है।
Kartik Purnima 2024 : कार्तिक पूर्णिमा का महत्व और दीपदान-
कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है, जो देवताओं के लिए दीपों का उत्सव है। माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दीपदान करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। विशेष रूप से गंगा स्नान और दीपदान से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा सुनना भी शुभ माना जाता है, जो परिवार में सुख-समृद्धि और शांति लेकर आता है।
Kartik Purnima 2024 : दीपदान के धार्मिक लाभ-
अग्निपुराण में कहा गया है कि दीपदान से बड़ा कोई व्रत नहीं है। इसका पुण्य फल अनंत होता है और यह जीवन के अंधकार को दूर कर, ज्ञान और प्रकाश का मार्ग प्रशस्त करता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव ने स्वयं अपने पुत्र कार्तिकेय को दीपदान का महत्व बताया था, इसलिए पूरे कार्तिक मास में दीपदान का विशेष महत्व है। इस दिन श्रद्धानुसार 11, 21 या 51 दीपों का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है, जिससे अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है।
Kartik Purnima 2024 : कार्तिक पूर्णिमा पर विशेष उपाय-
कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर दीपदान के साथ-साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करना, सत्यनारायण की कथा सुनना और पवित्र नदियों में स्नान करना मनोकामना पूर्ण करने में सहायक होता है। इस दिन किए गए दान और पुण्य कर्म जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करते हैं और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।