CG Crime : साइबर ठगी का ‘ब्लैक नेटवर्क’ बेनकाब, बैंक खाते बेचने वाले 4 ठग चढ़े पुलिस के हत्थे, हर डील पर मोटा कमीशन!

- Rohit banchhor
- 20 Mar, 2025
अब पुलिस इस नेटवर्क के बाकी गुर्गों और मास्टरमाइंड को पकड़ने के लिए जाल बिछा रही है।
CG Crime : राजनांदगांव। साइबर क्राइम की काली दुनिया में बैंक खातों को हथियार बनाने वाले एक खतरनाक नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। डोंगरगढ़ पुलिस और साइबर सेल ने संयुक्त ऑपरेशन में चार शातिरों को दबोच लिया, जो ठगी की कमाई को इधर-उधर करने के लिए अपने बैंक खाते, एटीएम कार्ड और सिम कार्ड साइबर ठगों को बेचते या किराए पर देते थे। इनका काम था ठगों के लिए ‘सुरक्षित रास्ता’ तैयार करना, ताकि पुलिस की नजर असली मास्टरमाइंड तक न पहुंचे। हर ट्रांजेक्शन पर इन्हें मोटा कमीशन मिलता था।
CG Crime : बता दें कि राजनांदगांव पुलिस को साइबर अपराध समन्वय पोर्टल से मिले इनपुट के बाद इस रैकेट का सुराग मिला। जांच में पता चला कि देशभर में हो रही ऑनलाइन ठगी के लिए डोंगरगढ़ के कुछ बैंक खाते इस्तेमाल हो रहे थे। पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुल देव शर्मा के नेतृत्व में साइबर सेल ने चार संदिग्ध खातों पर नजर रखी। इन खातों से ठगी का पैसा बार-बार ट्रांसफर हो रहा था। 19 मार्च की रात पुलिस ने छापा मारकर पुष्पदीप भाटिया, मिहीर देवांगन, खेमेन्द्र साहू और योगेंद्र यादव को गिरफ्तार कर लिया।
CG Crime : पूछताछ में चारों ने कबूला कि वे साइबर ठगों के लिए बैंक खाते जुटाते थे। ये खाते ठगी की रकम को छिपाने और आगे बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होते थे। हर डील पर इन्हें अच्छा-खासा कमीशन मिलता था, जबकि असली साइबर अपराधी पर्दे के पीछे सुरक्षित रहते थे। पुलिस ने चारों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। अब पुलिस इस नेटवर्क के बाकी गुर्गों और मास्टरमाइंड को पकड़ने के लिए जाल बिछा रही है।