एक महीने के अंदर दूसरी बार पांच हजार करोड़ का लोन लेगी राज्य सरकार

भोपाल। मप्र सरकार एक बार फिर 5 हजार करोड़ रुपए का लोन लेगी। यह 20 दिन के अंदर सरकार की ओर से लिया जाने वाला दूसरा लोन होगा। इस संबंध में वित्त विभाग ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को लेटर ऑफ विलिंगनेस (इच्छा पत्र) भेजा है। लोन के संबंध में गवर्नमेंट प्रेस ने शुक्रवार शाम को नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके अनुसार लोन दो किस्तों (ढाई-ढाई हजार करोड़) में लिया जाएगा। इससे पूर्व सरकार ने 6 अगस्त को 5 हजार करोड़ का लोन लिया था।
यह वित्त वर्ष 2024-25 का पहला लोन था। चालू वित्त वर्ष में सरकार की लोन लेने की अधिकतम सीमा 64 हजार करोड़ रुपए है। वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कर्ज की राशि इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर खर्च की जाएगी। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना या ऐसी अन्य किसी योजना पर यह राशि खर्च नहीं होगी। सरकार ने लाड़ली बहना योजना के लिए बजट में पहले से ही राशि का प्रावधान कर रखा है।
यह है सरकार का कर्ज लेने वाला फॉर्मूलाः
कोई भी राज्य अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का अधिकतम 3 प्रतिशत की सीमा तक ऋण ले सकता है। मप्र का सकल घरेलू उत्पाद करीब 15 लाख करोड़ रुपए है। इसी के अनुपात में मप्र सरकार की कर्ज लेने की सीमा निर्धारित की गई है। वित्त अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 293 (3) के तहत किसी भी राज्य सरकार को कर्ज लेने की सहमति देती है। केंद्र की सहमति के बिना कोई राज्य ऋण नहीं ले सकता है।
सरकार पर 3.75 लाख करोड़ का कर्ज
मप्र सरकार पर 31 मार्च, 2024 की स्थिति में 3 लाख 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने 42 हजार 500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। इसमें से 17 हजार 500 करोड़ रुपए का लोन मोहन सरकार के समय और 25 हजार करोड़ रुपए का लोन तत्कालीन शिवराज सरकार के समय लिया गया था। बीते वित्त वर्ष में मप्र सरकार की कर्ज लेने की सीमा 47 हजार 560 करोड़ रुपए थी। सरकार ने मप्र विधानसभा के मानसून सत्र में 3 जुलाई को वित्तीय वर्ष 2024-25 का 3.65 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया था।