Naxalite surrender : महिला समेत 5 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, हथियार छोड़ मुख्यधारा में लौटने का लिया संकल्प...

- Rohit banchhor
- 13 Sep, 2024
आत्मसमर्पण करने वालों में नक्सली संगठनों के विभिन्न पदाधिकारी और सदस्य शामिल हैं,
Naxalite surrender : सुकमा। सुकमा जिले में एक महत्वपूर्ण घटना घटी है, जिसमें 1 महिला सहित 5 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया। यह आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ शासन की नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति के अंतर्गत किया गया है। आत्मसमर्पण करने वालों में नक्सली संगठनों के विभिन्न पदाधिकारी और सदस्य शामिल हैं, जिन्होंने अपने नक्सली जीवन को छोड़कर समाज की मुख्यधारा में वापस आने का संकल्प लिया है।
Naxalite surrender : बता दें कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में सोड़ी पीडे (सिंगाराम आरपीसी केएमएस उपाध्यक्ष), उम्र लगभग 42 वर्ष, मुरिया जाति, निवासी गोंदीगुड़ा, थाना गोलापल्ली, जिला सुकमा, माड़वी भीमा (सिंगाराम आरपीसी डीएकेएमएस उपाध्यक्ष), उम्र लगभग 45 वर्ष, मुरिया जाति, निवासी गोंदीगुड़ा, थाना गोलापल्ली, जिला सुकमा, सोड़ी हुंगा (सिंगाराम आरपीसी डीएकेएमएस सदस्य) उम्र लगभग 40 वर्ष, मुरिया जाति, निवासी गोंदीगुड़ा, थाना गोलापल्ली, जिला सुकमा, मड़कम भीमा (सिंगाराम आरपीसी डीएकेएमएस सदस्य)रू उम्र लगभग 40 वर्ष, मुरिया जाति, निवासी गोंदीगुड़ा, थाना गोलापल्ली, जिला सुकमा
Naxalite surrender : व कवासी बिल्लू उर्फ लखमा (बुर्कलंका आरपीसी मिलिशिया सदस्य) उम्र लगभग 54 वर्ष, मुरिया जाति, निवासी पामलूर, थाना किस्टाराम, जिला सुकमा है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली विभिन्न नक्सली गतिविधियों में शामिल रहे हैं, जैसे पुलिस गस्त पार्टी की रेकी, हमले, स्पाईक/बम लगाना, मुख्य मार्गों को अवरूद्ध करना, और शासन-प्रशासन के खिलाफ नक्सली पर्चे व बेनर लगाना। ये नक्सलियों ने आज शुक्रवार को सुकमा पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने अपने हाथों में कोई हथियार नहीं रखा और आत्मसमर्पण के समय पुलिस के समक्ष सादगीपूर्ण तरीके से प्रस्तुत हुए।
Naxalite surrender : इस आत्मसमर्पण में सुकमा के पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी., पुलिस उप महानिरीक्षक कमलोचन कश्यप, सूरजपाल वर्मा, आनंद सिंह राजपुरोहित, राकेश कुमार, और अन्य सुरक्षा बलों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इन अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति और नियद नेल्ला नार योजना के अंतर्गत नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रोत्साहित किया।