Maha Kumbh 2025:महाकुंभ का अगला अमृत स्नान, यहां जान लें तारीख और शुभ मुहूर्त, वसंत पंचमी पर 1 करोड़ से ज्यादा लोगों ने संगम में लगाई डुबकी, देखें तस्वीरें

- Pradeep Sharma
- 03 Feb, 2025
Maha Kumbh 2025: महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान आज वसंत पंचमी हो श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न हुआ। आज स्नान के बाद नागा साधु अपने-अपने धाम की ओर लौटने लग जाएंगे। जानकारी के मुताबिक, सुबह 8 बजे शाम 5 बजे तक 1 करोड़ से
प्रयागराज। Maha Kumbh 2025: महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान आज वसंत पंचमी हो श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न हुआ। आज स्नान के बाद नागा साधु अपने-अपने धाम की ओर लौटने लग जाएंगे। जानकारी के मुताबिक, सुबह 8 बजे शाम 5 बजे तक 1 करोड़ से ज्यादा लोगों ने संगम में डुबकी लगाई है। महाकुंभ का अगला बड़ा स्नान अब माघ पूर्णिमा तिथि पर होगा यानी 12 फरवरी को।
Maha Kumbh 2025: हिंदू पंचांग के मुताबिक, माघ पूर्णिमा की तिथि का आरंभ 11 फरवरी की शाम 06.55 बजे हो रही है और अगले दिन यानी 12 फरवरी को शाम 07.22 बजे खत्म होगी। चूंकि सनातन धर्म में उदया तिथि को महत्व दिया जाता है। ऐसे में 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा तिथि मनाई जाएगी। ऐसे में महाकुंभ का अगला बड़ा स्नान 12 फरवरी को आयोजित होगा।
Maha Kumbh 2025: शुभ मुहूर्त
1.ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 05.19 बजे से 06.10 बजे तक।
2.गोधूलि मुहूर्त - शाम 06.07 बजे से शाम 06.32 बजे तक।
3.अभिजीत मुहूर्त - नहीं है।
4.अमृत काल - शाम 05.55 बजे से रात 07.35 बजे तक।
Maha Kumbh 2025: माघ पूर्णिमा का महत्व
पौराणिक मान्यता के अनुसार एक बार जब भगवान श्रीहरि क्षीर सागर में विश्राम कर रहे थे, तो उसी समय नारद जी आ गए। नारद जी को देख विष्णु भगवान ने पूछा हे महर्षि बैकुंठ में आपके आने की क्या वजह है? तब नारद जी ने बताया कि मुझे ऐसा कोई उपाय बताएं, जिसे करने से लोगों का कल्याण हो सके। Maha Kumbh 2025: इस पर नारायण ने कहा कि जो जातक संसार के सुखों को भोगना चाहता है और मृत्यु के बाद मोक्ष चाहता है, तो उसे पूर्णिमा तिथि पर सच्चे मन से सत्यनारायण पूजा करनी चाहिए। इसके बाद नारद जी ने भगवान श्रीहरि विष्णु ने व्रत विधि के बारे में बताया।
Maha Kumbh 2025: भगवान विष्णु ने कहा कि इस व्रत के दौरान जातक को दिन भर उपवास रखना चाहिए और शाम को भगवान सत्य नारायण की कथा का पाठ करना चाहिए और भोग चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से सत्यनारायण देव प्रसन्न होते हैं, वे जातक को सुख, वैभव और मोक्ष देते हैं।