खैरागढ़ महोत्सव 2025: एशिया के पहले संगीत विश्वविद्यालय में सजा संस्कृति का अनुपम संगम, देश-विदेश के कलाकारों ने बांधा समां
खैरागढ़ : एशिया के प्रथम संगीत एवं कला विश्वविद्यालय इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय खैरागढ़ महोत्सव 2025 का बुधवार शाम भव्य शुभारंभ हुआ। परिसर सुर, ताल और रंगों के ऐसे दिव्य संगम से सराबोर हो उठा मानो सैकड़ों साल पुरानी कला-साधना एक साथ जीवंत हो गई। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि राजनांदगांव सांसद संतोष पांडे, विशिष्ट अतिथि पंडरिया विधायक भावना बोहरा और अध्यक्षता कुलपति प्रो. डॉ. लवली शर्मा ने की। दीप प्रज्वलन और विश्वविद्यालय के छात्रों के मंत्रमुग्ध कर देने वाले कुलगीत के साथ महोत्सव का रंगारंग आगाज हुआ।
कुलपति प्रो. लवली शर्मा ने कहा कि लंबे अंतराल के बाद यह महोत्सव विश्वविद्यालय ही नहीं, पूरे क्षेत्र के लिए सांस्कृतिक पुनर्जागरण का अवसर है। शाम की पहली प्रस्तुति में अमेरिका के प्रो. बेंजामिन बून और कुलपति प्रो. लवली शर्मा की अनोखी जुगलबंदी ने दर्शकों को स्तब्ध कर दिया। इसके बाद तबला के जादूगर पं. गौरीशंकर कर्मकार, वृंदावन की सुप्रसिद्ध गायिका विदुषी आस्था गोस्वामी और सोनहा बदर समूह की प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया। हर सुर पर तालियां और वाह-वाही की गूंज से पूरा परिसर गूंज उठा।
मंच पर जिला पंचायत अध्यक्ष प्रियंका खम्मन ताम्रकार, पूर्व विधायक कोमल जंघेल, नगर पालिका अध्यक्ष गिरजानंद चंद्राकर, कुलसचिव डॉ. सौमित्र तिवारी और महोत्सव संयोजक वेंकट रमण गुड़े सहित गणमान्य लोग मौजूद रहे। अतिथियों ने छात्रों की कला प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया, जहां रचनात्मक चित्र और शिल्पकृतियां सबका मन मोह रही थीं। परंपरा और आधुनिकता के इस अनुपम मिलन का पहला दिन इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जा चुका है। अगले दो दिन देश-विदेश के कलाकार खैरागढ़ को फिर से संगीत-सृजन के स्वर्णिम रंगों में रंगने वाले हैं। खैरागढ़ महोत्सव एक बार फिर साबित कर रहा है कि यह धरती सच्चे अर्थों में कला-साधना की राजधानी है।

