Cyber Fraud : फर्जी ED अधिकारी बनकर दंपत्ति से ठगे 8.5 लाख, पुलिस ने शुरू की जांच

- Rohit banchhor
- 13 Jul, 2025
टिकरापारा थाना पुलिस ने शिकायत के आधार पर अज्ञात ठगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
Cyber Fraud : रायपुर। राजधानी रायपुर में साइबर ठगी का एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है। दावड़ा कॉलोनी निवासी विनोद शर्मा और उनकी पत्नी मनोरमा शर्मा को फर्जी प्रवर्तन निदेशालय (ED) अधिकारी बनकर ठगों ने 8.5 लाख रुपये ठग लिए। ठगों ने डिजिटल अरेस्ट और मनी लॉन्ड्रिंग केस का डर दिखाकर दंपत्ति को अपने जाल में फंसाया। टिकरापारा थाना पुलिस ने शिकायत के आधार पर अज्ञात ठगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार, ठगों ने विनोद शर्मा को फोन कॉल के जरिए खुद को ED अधिकारी बताया और दावा किया कि उनके नाम से मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज है। ठगों ने कहा कि विभिन्न बैंक खातों में उनके नाम से 200 करोड़ रुपये जमा हैं, जो अवैध हैं। डिजिटल अरेस्ट और गिरफ्तारी का डर दिखाकर ठगों ने दंपत्ति को भयभीत कर दिया। डर के मारे विनोद और मनोरमा ने ठगों द्वारा बताए गए बैंक खातों में 8.5 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। बाद में ठगी का अहसास होने पर उन्होंने टिकरापारा थाना में शिकायत दर्ज कराई।
टिकरापारा पुलिस ने IPC की धारा 420, 467, 468 और IT एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस कॉल डिटेल्स, बैंक ट्रांजैक्शन और साइबर लोकेशन की जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि ठगों ने फर्जी कॉलर ID और वीओआईपी तकनीक का इस्तेमाल किया। पुलिस को शक है कि ठगों का नेटवर्क दूसरे राज्यों से संचालित हो रहा है। साइबर सेल की मदद से उनकी तलाश तेज कर दी गई है।
रायपुर में डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। हाल ही में सैफायर ग्रीन कॉलोनी की एक महिला से 2.83 करोड़ रुपये की ठगी का मामला भी सामने आया था। इन घटनाओं ने साइबर अपराध के खिलाफ कार्रवाई की जरूरत को उजागर किया है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अनजान कॉल्स पर भरोसा न करें और ED या अन्य सरकारी एजेंसी के नाम से आने वाले कॉल्स की सत्यता जांच लें। किसी भी बैंक ट्रांजैक्शन से पहले स्थानीय पुलिस या साइबर सेल से संपर्क करने की सलाह दी गई है।