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CG News: छत्तीसगढ़ में सीएम विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रशासनिक क्रांति, सरल और पारदर्शी शासन की ओर मजबूत कदम

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CG News: रायपुर : छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रशासनिक सुधारों की नई लहर चल रही है। सत्ता संभालते ही उन्होंने जनसेवा को प्राथमिकता देते हुए प्रशासन को सरल, पारदर्शी और जवाबदेह बनाने का संकल्प लिया। इस दिशा में शुरू किए गए डिजिटल और समयबद्ध नवाचारों ने छत्तीसगढ़ को सुशासन का मॉडल बना दिया है। ‘सीजी ई-सेवा’ पोर्टल, ई-ऑफिस सिस्टम, और जनसेवा केंद्रों जैसे कदमों ने नागरिकों को सशक्त बनाया है, जबकि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और प्रक्रियाओं को सरल बनाने में उल्लेखनीय सफलता मिली है।


मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ‘सीजी ई-सेवा’ पोर्टल को और सशक्त कर नागरिक सेवाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया है। इस पोर्टल के जरिए जन्म, मृत्यु, निवास, जाति, और आय प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज ऑनलाइन प्राप्त किए जा सकते हैं। आवेदनों की स्थिति ट्रैक करने की सुविधा ने पारदर्शिता बढ़ाई है। 21 अगस्त 2024 को सीएम ने तीन नए डिजिटल प्लेटफॉर्म ई-ऑफिस सिस्टम, मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) पोर्टल, और ‘स्वागतम’ पोर्टल लॉन्च किए। ये प्लेटफॉर्म सरकारी कामकाज में दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।


पंजीयन प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए 10 नई सुविधाएं शुरू की गई हैं। इनमें आधार-आधारित प्रमाणीकरण, ऑनलाइन दस्तावेज खोज, डिजी-लॉकर एकीकरण, घर बैठे रजिस्ट्री, और स्वचालित नामांतरण शामिल हैं। अब नागरिक खसरा नंबर के जरिए संपत्ति के दस्तावेज ऑनलाइन खोज और डाउनलोड कर सकते हैं। एकीकृत कैशलेस भुगतान से स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क UPI, कार्ड, या नेट बैंकिंग से चुकाए जा सकते हैं। ‘घर बैठे रजिस्ट्री’ सुविधा ने विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों को लाभ पहुंचाया है। स्वचालित नामांतरण और डिजी-लॉकर जैसे कदमों ने समय की बचत और धोखाधड़ी पर रोक लगाई है।


ई-ऑफिस सिस्टम के तहत सामान्य प्रशासन विभाग की अधिकांश फाइलें अब डिजिटल रूप में निपटाई जा रही हैं। 1 जनवरी 2025 को विभागीय सचिवों की बैठक में सभी विभागों में ई-ऑफिस लागू करने के निर्देश दिए गए। इससे दस्तावेजों के गायब होने या हेरफेर की आशंका खत्म हुई है, और अधिकारियों की जवाबदेही बढ़ी है। ‘स्वागतम’ पोर्टल के जरिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट और सूचनाएं SMS व ई-मेल के माध्यम से मिल रही हैं, जिससे नागरिकों का समय बच रहा है।


राज्य की 11,000 से अधिक पंचायतों में ‘जनसेवा केंद्र’ स्थापित किए गए हैं, जहां राशन कार्ड, कृषि पंजीकरण, छात्रवृत्ति, बिजली बिल भुगतान, और मनरेगा जॉब कार्ड जैसी सेवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध हैं। शहरी क्षेत्रों में ‘डिजिटल लोक सेवा केंद्र’ शुरू किए गए हैं, जो जलकर, हाउस टैक्स, और ट्रेड लाइसेंस जैसे कार्यों को ऑनलाइन बना रहे हैं।


‘भू-लेख सुविधा’ ऐप और पोर्टल के जरिए नागरिक अब मोबाइल से खसरा, खतौनी, नक्शा, और नामांतरण की स्थिति देख सकते हैं। ‘डिजिटल म्युटेशन’ ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया है। 2,500 से अधिक ‘कृषक सुविधा केंद्र’ खोले गए हैं, जहां खाद-बीज, भूमि परीक्षण, और किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा उपलब्ध है। ‘ई-कृषि मंडी’ पोर्टल ने किसानों को दलालों से मुक्ति दिलाकर बेहतर मूल्य दिलाने में मदद की है।


‘संपर्क’ प्रणाली ने वृद्धावस्था पेंशन और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को सरल बनाया है। ऑनलाइन आवेदन के बाद 30 दिनों में पेंशन राशि सीधे खाते में पहुंच रही है। ‘मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ कार्ड’ योजना के तहत प्रत्येक नागरिक को यूनिक हेल्थ ID दी जा रही है, जिससे मेडिकल इतिहास डिजिटल रूप में सुरक्षित हो रहा है। ‘सीजी स्वास्थ्य सुविधा ऐप’ से आयुष्मान भारत और अन्य योजनाओं के कार्ड डाउनलोड किए जा सकते हैं।


‘छात्रवृत्ति पोर्टल’ ने SC/ST, मेधावी छात्र, और कन्या शिक्षा योजनाओं के लिए आवेदन प्रक्रिया को ऑनलाइन और पारदर्शी बनाया है। ऑनलाइन RTI सुविधा ने सूचना के अधिकार को और सुलभ बनाया है। ‘छत्तीसगढ़ उद्योग मित्र’ पोर्टल और ‘सिंगल विंडो पोर्टल 2.0’ ने उद्यमियों के लिए लाइसेंस, NOC, और भूमि आवंटन को सरल बनाया है। 2 जुलाई 2024 को लॉन्च इस पोर्टल ने निवेशकों को एक क्लिक पर सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं।


मुख्यमंत्री गुड गवर्नेंस फेलोशिप योजना के तहत IIM रायपुर में दो वर्षीय पब्लिक पॉलिसी एंड गवर्नेंस पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। यह योजना युवाओं को सुशासन में शामिल करने का एक अनूठा प्रयास है।

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