राज्य सरकार ने दिया मौका, अवैध निर्माण को बना सकेंगे वैध, बस माननी होगी ये शर्तें, पढ़ें पूरी खबर
रायपुर। छत्तीसगढ़ में अवैध निर्माण को वैध कराने का एक और मौका दिया जा रहा है, लेकिन इस बार इसके लिए कुछ नई शर्तें लागू की गई हैं। अब सिर्फ उन्हीं निर्माणों को वैध किया जाएगा जिनमें कुल निर्माण क्षेत्र का कम से कम 25% हिस्सा पार्किंग के लिए खाली होगा, या जिसे बाद में खाली कराया जा सके। पहले की सरकार में यह नियम नहीं था, और पार्किंग की कोई शर्त नहीं रखी गई थी। पिछली बार का अनुभव पिछली सरकार ने बिना पार्किंग वाले अवैध निर्माणों को भी वैध कर दिया था, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि तब जुर्माने की रकम से पार्किंग की जगह बनाने की बात कही गई थी, लेकिन पांच साल में कोई कदम नहीं उठाया गया। अब नई सरकार ने इस मामले में बदलाव किया है, और पार्किंग की शर्त को अनिवार्य किया है।
कितने लोग आवेदन करेंगे?
कांग्रेस सरकार के समय रायपुर में 18,000 से अधिक लोगों ने अपने अवैध निर्माण को वैध कराने के लिए आवेदन किया था, और राज्यभर में यह संख्या औसतन 5,000 प्रति जिला थी। पिछली प्रक्रिया के दौरान, जिन निर्माणों में 100% पार्किंग की जगह थी, उनसे प्रति कार 2 लाख रुपये का जुर्माना लिया गया, और इस प्रक्रिया से सरकार को लगभग 100 करोड़ रुपये की आय हुई थी। इस बार भी यही प्रक्रिया जारी रहेगी, और आवेदनों को मंजूरी देने के लिए हर जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जाएगी।
पार्किंग शुल्क का इस्तेमाल
पिछली बार वसूले गए पार्किंग शुल्क को नगर निगम को सौंपा गया था, और इसका इस्तेमाल उन जगहों पर जमीन खरीदने के लिए किया जाएगा जहां पार्किंग की आवश्यकता है। निगम अधिकारियों का कहना है कि फंड ट्रांसफर होने के बाद ही जमीन खरीदने की प्रक्रिया शुरू होगी।
नई नीति पर मंत्री का बयान
आवास और पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि इस नई नीति को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है, और जल्द ही संशोधन के बाद लोगों को अवैध निर्माण को वैध कराने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस बार विशेष ध्यान पार्किंग व्यवस्था पर दिया गया है, ताकि भविष्य में शहरों में पार्किंग की समस्या कम हो सके।