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एसईसीएल को हुआ करोड़ों का नुकसान, मामले में एनएसयूआई का जिलाध्यक्ष गिरफ्तार, जानें क्या है मामला...

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पुलिस ने आगे की कार्रवाई की पुष्टि की और बताया कि राठौर की गिरफ्तारी एसईसीएल की शिकायत के आधार पर की गई है।

CG News : कोरबा। जिले में एसईसीएल दीपका खदान में 19 नवंबर को बिना सूचना के कोयला उत्खनन कार्य को बलपूर्वक रुकवाने के आरोप में एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष मनमोहन राठौर को गिरफ्तार किया गया है। एसईसीएल ने इस घटना से करोड़ों रुपये के आर्थिक नुकसान का आरोप लगाया है।


CG News : बता दें कि एसईसीएल दीपका परियोजना के जीएम माइनिंग, मनोज कुमार की शिकायत पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 127 (2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया था। आरोप है कि मनमोहन राठौर ने भारी संख्या में कॉलेज के छात्रों के साथ खदान पर पहुंचकर काम रोकने का प्रयास किया। उनका कहना था कि कॉलेज को दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाए, जबकि इस आंदोलन की कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी। इसके परिणामस्वरूप खदान का काम रुक गया और एसईसीएल को भारी वित्तीय नुकसान हुआ।


CG News : पुलिस ने मामले की जांच की और पाया कि यह घटना पूर्व नियोजित थी, जिससे सरकारी खजाने को बड़ी क्षति पहुंची। मंगलवार 3 दिसंबर को एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष मनमोहन राठौर 24 वर्ष को गिरफ्तार कर लिया गया। वे हरदी बाजार स्थित शासकीय ग्राम्य भारती महाविद्यालय के पास रहने वाले हैं, जो एसईसीएल द्वारा अधिग्रहित क्षेत्र में आता है। पुलिस ने आगे की कार्रवाई की पुष्टि की और बताया कि राठौर की गिरफ्तारी एसईसीएल की शिकायत के आधार पर की गई है।


CG News : एनएसयूआई ने किया विरोध-

एनएसयूआई ने मनमोहन राठौर की गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बताते हुए विरोध जताया है। संगठन ने एसईसीएल के खिलाफ प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। संगठन के नेताओं का कहना है कि राठौर का गिरफ्तार करना एक राजनीतिक षड्यंत्र है और इससे छात्र आंदोलन को दबाने की कोशिश की जा रही है।

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