आसान नहीं मेट्रो की राह, रहवासियों ने आवेदन देकर दी अब कड़ी चेतावनी
भोपाल। भोपाल मेट्रो की राह आसान नहीं दिख रही है। अभी आजाद नगर (पुल बोगदा) और आरा मशीनों का मामला सुलझा भी नहीं था कि अब सलैया इलाके में रहवासी सडकों पर आ गए हैं। यहां मेट्रो के काम के दौरान भारी वाहनों से जर्जर हो रही सड़कें और गड्ढों से नाराज लोगों ने मेट्रो का कार्य में लगे यूआरएल कंपनी के अधिकारियों का न सिर्फ घेराव किया है बल्कि उनकी शिकायत मुख्यमंत्री और कलेक्टर से की है। इसके साथ ही नाराज लोगों ने 22 नवंबर को चक्काजाम करने की चेतावनी भी दी है।
जानकारी के मुताबिक रविवार को लीला अतुल्यम महिंद्रा एम्पल और त्रिभुवन सोसाइटी के रहवासियों ने मेट्रो निर्माण में लगी कंपनी यूआरसी का घेराव किया। कहा कि कंपनी ने दो महीने पहले सड़क बनाने का वादा किया था। उसे अब तक पूरा नहीं किया। उल्टे कंपनी के वाहनों की वजह से सोसाइटी के सामने की सड़कें अब केवल धूल का गुबार उड़ाती नजर आ रही हैं। इन्हीं कॉलोनियों से ही कंपनी के भारी वाहन गुजरते हैं। जिस वजह से सड़क जर्जर हुई है। हजारों लोग परेशान हादसे का शिकार हो रहे तीनों सोसाइटी के रहवासियों ने कहा कि करीब 3 हजार लोग इस बदहाल सड़क के चलते न केवल आए दिन हादसों के शिकार हो रहे हैं। वहीं सांस की बीमारियों से भी परेशान हैं।
रहवासियों ने पुलिस से की शिकायत
सलैया रहवासियों ने मुख्यमंत्री और कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह यूआरसी प्रतिनिधियों के अलावा मिसरोद पुलिस को भी आवेदन देकर शिकायत की है। सलैया की इस सड़क का एक वीडियो बारिश के समय सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। उसी समय सोसाइटी के रहवासियों ने मेट्रो के निर्माण में लगी यूआरसी कंस्ट्रक्शन कंपनी का घेराव किया था। तब कंपनी ने अस्थायी तौर पर पेचवर्क शुरू किया था। यह भी वादा किया था कि बारिश के बाद वे पक्की सड़क बना देंगे। उन्होंने कहा 12 अक्टूबर को कंपनी के सुपरवाइजर के साथ हुई बैठक में कंपनी ने कहा था कि 15 दिन में पक्की सड़क बनाने का वादा किया था।
रहवासियों द्वारा सड़क बनाने के लिए कई बार मांग करने के बावजूद कंपनी की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया। अब रहवासी आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं। 22 नवंबर से कंपनी के वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद करने के लिए सड़क जाम करने की चेतावनी दी है। यहां बता दें कि यूआरसी कंस्ट्रक्शन यूआरसीसी को भोपाल मेट्रो फेज 1 प्रोजेक्ट के अभिन्न अंग पैकेज बीएच.03 के लिए 596.4 करोड़ रुपए का सिविल निर्माण टेंडर मिला है।
आरा मशीन भी अटकी
इधर मेट्रों की राह में आ रही पुल बोगदा के नजदीक पातरा पुल के आसपास 108 आरा मशीन और फर्नीचर की दुकानें भी सिर दर्द हैं। इन्हें हटाने के लिए कई बार प्रयास हो चुके हैं। रातीबड़ में नए सिरे से बसाने के लिए प्लान तो बन गया है, जमीनी तौर आमलीजामा नही पहनाया गया है। रातीबड़ में जहां बसाना है वहां पानी, बिजली, सड़क जैसी अन्य सुविधाओं के लिए छह करोड़ रुपए दिए गए हैं, लेकिन अभी तक कोई बेसिक सुविधाएं यहां उपलब्ध नहीं की वजह से आरा मशीन संचालक जाने से कतरा रहे हैं।
650 करोड़ में छह स्टेशन बनेंगे
सुभाष नगर डिपो से करोंद तक कुल 8.77 किलोमीटर में से 5.38 किलोमीटर हिस्से में 6 एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन बनेंगे। इसमें 650 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस काम की शुरुआत हो चुकी है। पुराने शहर में बैरिकेडिंग की गई है। कुछ दिन पहले मेट्रो कॉर्पोरेशन के एमडी एस. कृष्ण चैतन्य ने भी निरीक्षण किया था।