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Maharashtra: आखिरी वक्त पर बदल गई महाराष्ट्र की तस्वीर, ‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे’ और बंटेंगे तो कटेंगे की जबरदस्त चर्चा, नतीजों में दिखेगा असर

Maharashtra: महाराष्ट्र और झारखंड में चल रहे विधानसभा चुनाव के साथ ही देश भर में हो रहे उपचुनावों के बीच प्रधानमंत्री

Maharashtra: महाराष्ट्र और झारखंड में चल रहे विधानसभा चुनाव के साथ ही देश भर में हो रहे उपचुनावों के बीच प्रधानमंत्री

नई दिल्ली/मुंबई। Maharashtra: महाराष्ट्र और झारखंड में चल रहे विधानसभा चुनाव के साथ ही देश भर में हो रहे उपचुनावों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा ‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे’ जबरदस्त चर्चा में रहा। न सिर्फ हिंदी बेल्ट में बल्कि महाराष्ट्र में भी इस नारे को लेकर सियासी तस्वीर बदलती दिख रही है। पीएम के इस नारे के बाद बीजेपी के चुनावी सभा में ओबीसी और दलित वर्ग के मतदाताओं की बढ़ती भीड़ से कमजोर तबका का एक बड़ा वोटर बीजेपी के पक्ष में दिख रहा है।  

Maharashtra: महाराष्ट्र और झारखंड के इस समीकरण को समझने के लिए थोड़ा पीछे चलते हैं। आपको याद होगा लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान कांग्रेस और विपक्षी दलों ने यह नारा उछाला था कि बीजेपी अगर फिर से सत्ता में आई तो संविधान और आरक्षण को खत्म कर देगी। इस नारे ने चुनाव में असर दिखाया था और भाजपा अपने चुनावी लक्ष्य से काफी पीछे रह गई थी। हालांकि हरियाणा के चुनाव में उसे जीत मिली है लेकिन पार्टी की एक बड़ी परीक्षा महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव में होनी है। इसके साथ ही कांग्रेस जाति जनगणना को भी बड़ा मुद्दा बना रही है।



Maharashtra: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के तमाम नेताओं ने लगातार अपनी चुनावी जनसभाओं में कहा है कि कांग्रेस एससी, एसटी और ओबीसी के हिस्से का आरक्षण मुसलमानों को देना चाहती है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहते दिखें कि आजादी के बाद जब कांग्रेस बहुत ताकतवर थी तो वह आरक्षण के बारे में बात भी नहीं करती थी क्योंकि जवाहरलाल नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक आरक्षण से नफरत करते थे। प्रधानमंत्री कह चुके हैं कि गांधी परिवार नहीं चाहता था कि समाज के कमजोर और वंचित वर्गों को आरक्षण मिले। और पीएम की आमसभा में इसका असर भी दिखने लगा।

Maharashtra: योगी के नारे को RSS का समर्थन

योगी आदित्यनाथ के नारे को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सहमति मिलना भी हिंदू जातियों को एकजुट करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। योगी आदित्यनाथ बांग्लादेश में हिंदू मंदिर और हिंदू समुदाय पर हुए हमलों को लेकर विपक्ष की चुप्पी पर सवाल उठा चुके हैं। बंटेंगे तो कटेंगे के नारे को लेकर विवाद भी हुआ और बीजेपी के सहयोगी दलों और अपने ही नेताओं ने इस नारे को लेकर नाराजगी जताई। 

सीधे तौर पर यही कहा जा सकता है कि कांग्रेस और विपक्ष की ओर से जाति जनगणना, संविधान और आरक्षण खतरे में है का जवाब बीजेपी की ओर से ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और ‘एक है तो सेफ है’ के नारे के साथ दिया जा रहा है। 23 नवंबर को दो राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे और कई सीटों के उपचुनाव के नतीजों से भी इस बात का संदेश जरूर मिलेगा कि इन नारों का हिंदू जनमानस पर कितना असर हुआ है।

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