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Cyber Crime : पुलिस के नंबर ही बने हथियार, साइबर ठगों ने 3 थानों के एक दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मियों के मोबाइल हैक कर मचाई अफरा-तफरी

Cyber Crime

इसके बाद इन्हीं नंबरों का इस्तेमाल कर आम लोगों को फर्जी चालान भेजकर पैसों की डिमांड की गई।

Cyber Crime : इंदौर। साइबर अपराधियों के बढ़ते दुस्साहस ने कानून-व्यवस्था पर सीधा सवाल खड़ा कर दिया है। इंदौर के आजाद नगर, लसूड़िया और चंदन नगर थाना क्षेत्र से सामने आए सनसनीखेज मामले में एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों के मोबाइल नंबर हैक कर लिए गए। इसके बाद इन्हीं नंबरों का इस्तेमाल कर आम लोगों को फर्जी चालान भेजकर पैसों की डिमांड की गई।


एपीके फाइल बनी साइबर हमले का जरिया-

जानकारी के अनुसार हैकर्स ने पुलिसकर्मियों के मोबाइल पर एपीके फाइल भेजी। जैसे ही फाइल डाउनलोड की गई, मोबाइल का पूरा कंट्रोल साइबर ठगों के हाथ में चला गया। इसके बाद पुलिसकर्मियों के आधिकारिक और निजी नंबरों से लोगों को चालान मैसेज भेजे जाने लगे, जिससे लोग भ्रमित हो गए और कई मामलों में इसे वास्तविक पुलिस कार्रवाई समझ लिया गया।


पुलिस महकमे में हड़कंप, कमिश्नर को करना पड़ा हस्तक्षेप-

घटना उजागर होते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। इंदौर पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए सख्त एडवाइजरी जारी की। उन्होंने पुलिसकर्मियों और आम नागरिकों से अपील की कि किसी भी अनजान लिंक, एपीके फाइल या संदिग्ध ऐप को डाउनलोड न करें। क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि यदि गलती से कोई संदिग्ध एपीके फाइल डाउनलोड हो जाए, तो तुरंत मोबाइल फॉर्मेट कर साइबर सेल से संपर्क करना चाहिए, क्योंकि ऐसे साइबर हमलों के जरिए न सिर्फ डाटा चोरी होता है बल्कि बैंक अकाउंट तक खाली किए जा सकते हैं।


आम लोगों के लिए भी बड़ी चेतावनी-

इस घटना ने साफ कर दिया है कि साइबर अपराधी अब किसी को नहीं बख्श रहे—न पुलिस, न आम नागरिक। पुलिस ने जनता से अपील की है कि किसी भी चालान या भुगतान संबंधी मैसेज की आधिकारिक पुष्टि किए बिना पैसा न भेजें।

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