Violence in Bangladesh : बांग्लादेश में भड़की हिंसा, 32 लोगों की गई जान, पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले...
- Rohit banchhor
- 04 Aug, 2024
Violence in Bangladesh : नई दिल्ली। पड़ोसी देश बांग्लादेश से एक बार फिर हिंसा की खबर प्रकाश में आई है।
Violence in Bangladesh : नई दिल्ली। पड़ोसी देश बांग्लादेश से एक बार फिर हिंसा की खबर प्रकाश में आई है। रविवार को बांग्लादेश में भड़की हिंसा में 32 से अधिक लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए। यहां छात्र प्रदर्शनकारी पुलिस और सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं की बीच भिड़ंत हुआ थी। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस छोड़ी और स्टन ग्रेनेड का इस्तेमाल किया। वहीं सरकार ने रविवार शाम 6 बजे से अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू की घोषणा की।
Violence in Bangladesh : बता दें कि बांग्लादेश में छात्र सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली को खत्म करने की मांग को लेकर एक महीने से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों के इस आंदोलन में पहले भी हिंसा भड़क चुकी है और अब तक देश भर में कम से कम 200 लोगों की मौत हो चुकी है। रविवार को प्रदर्शनकारियों की भीड़ लाठी वगैरह लेकर पहुंची थी।
Violence in Bangladesh : ढाका के बीच स्थित शाहबाग चौराहे पर यह भीड़ जमा हुई तो पुलिस और आंदोलन कारियों के बीच जमकर संघर्ष हुआ। इसके अलावा कई स्थानों व प्रमुख शहरों में भी सड़क पर प्रदर्शनकारी और पुलिस कर्मियों में आमना-सामना हुआ। प्रदर्शनकारियों ने प्रमुख राजमार्गों को ब्लॉक कर दिया। पुलिस के साथ-साथ इस झड़प में सत्तारूढ़ अवामी लीग के समर्थक भी थे,जिनसे प्रदर्शनकारियों का आमना-सामना हुआ।
Violence in Bangladesh : प्रदर्शनकारियों में छात्रों के साथ-साथ मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी द्वारा समर्थित कुछ समूह भी शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों ने टैक्स और बिल भुगतान न करने की अपील की है और साथ ही रविवार को काम पर न जाने की अपील की थी। प्रदर्शनकारियों ने रविवार को खुले कार्यालयों और प्रतिष्ठानों पर भी हमला किया, जिसमें ढाका के शाहबाग इलाके में एक अस्पताल, बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल यूनिवर्सिटी भी शामिल है।
Violence in Bangladesh : ढाका के मुंशीगंज जिले के एक पुलिसकर्मी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पूरा शहर युद्ध के मैदान में बदल गया है। विरोध करने वाले नेताओं ने आंदोलनकारियों से खुद को बांस की लाठियों से लैस करने का आह्वान किया था, क्योंकि जुलाई में विरोध प्रदर्शन के पिछले दौर को पुलिस ने बड़े पैमाने पर कुचल दिया था। बोगुरा, मगुरा, रंगपुर और सिराजगंज समेत 11 जिलों में मौतें हुईं, जहां अवामी लीग और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के सदस्य सीधे तौर पर भिड़ गए।