इंजीनियरों की कमी से जूझ रहे नगरीय निकाय, समय पर नहीं हो पा रहा विकास कार्य...

- Rohit banchhor
- 29 Jan, 2025
ऐसे में मकान व भवन निर्माण कार्यों की प्रभावी मॉनीटरिंग नहीं हो पा रही है।
MP News : भोपाल। प्रदेश के नगरीय निकाय इंजीनियरों की कमी से जूझ रहे हैं। तकनीकी अमला न होने से निकायों में विकास व निर्माण कार्यों पर असर पड़ रहा है। ऐसे में नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय को एक इंजीनियर को दो-दो निकायों का काम सौंपना पड़ रहा है। राजधानी में भी नगर निगम के कुछ डिपार्टमेंट में ऐसा ही हाल है। खास तौर से बिल्डिंग परमिशन शाखा में इंजीनियरों का टोटा है। सहायक यंत्रियों और सब इंजीनियरों के पास तीन से चार जोन हैं। ऐसे में मकान व भवन निर्माण कार्यों की प्रभावी मॉनीटरिंग नहीं हो पा रही है।
MP News : अधिकांश इलाकों में अनुमति से अतिरिक्त निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा कुछ अन्य विभागों में भी सब इंजीनियरों को सहायक यंत्रियों का प्रभार दिया गया है। जानकारी के मुताबिक नगरीय प्रशासन संचालनालय भी खाली हो रहा है। वरिष्ठ इंजीनियर लगातार रिटायर हो रहे हैं। पिछले साल प्रभारी अधीक्षण यंत्री राकेश रावत और अधीक्षण यंत्री आरके गोस्वामी सेवानिवृत्त हो गए। सब इंजीनियर प्रदीप शुक्ला रिटायर हो गए। उसके कुछ दिन बाद प्रभारी मुख्य अभियंता सुरेश सेजकर का रिटायरमेंट हो गया। प्रभारी कार्यपालन यंत्री आरके गुप्ता, उपदेश शर्मा और सब इंजीनियर बीएस त्रिपाठी भी सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
MP News : नीमच की सिंगोली नगर परिषद के सब इंजीनियर अंकित मांझी को डीकेन, बड़वानी जिले की पलसूद में पदस्थ उपयंत्री राजू डावर को राजपुर, राहतगढ़ नगर परिषद के सब इंजीनियर आकाश जैन को बीना का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वहीं शिवपुरी जिले में पोहरी नगर परिषद के उपयंत्री सतेंद्र सिंह गढ़पाल को शिवपुरी नगर परिषद और बैराढ़ के अनिल कुमार वर्मा को पोहरी का जिम्मा भी सौंपा गया है।