UP Breaking: यूपी के नए मुख्य सचिव बने शशि प्रकाश गोयल, मनोज कुमार सिंह को नहीं मिला सेवा विस्तार
UP Breaking: लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 1989 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शशि प्रकाश गोयल को राज्य का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया है। निवर्तमान मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह 31 जुलाई 2025 को सेवानिवृत्त हो गए, और उन्हें सेवा विस्तार नहीं दिया गया। गोयल ने गुरुवार को लोकभवन पहुंचकर कार्यभार ग्रहण कर लिया। वरिष्ठता के आधार पर उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है।
UP Breaking: गोयल का प्रशासनिक अनुभव शशि प्रकाश गोयल पिछले आठ वर्षों से मुख्यमंत्री सचिवालय में अपर मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत थे। उनके पास नागरिक उड्डयन, राज्य संपत्ति, और प्रोटोकॉल विभाग का दायित्व था। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कई जिलों में जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और अन्य प्रमुख प्रशासनिक पदों पर भी काम किया है। उनकी मजबूत प्रशासनिक पकड़ और अनुभव के कारण उन्हें यूपी ब्यूरोक्रेसी में प्रभावशाली अधिकारी माना जाता है।
UP Breaking: नई जिम्मेदारियां मुख्य सचिव के रूप में गोयल अब अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त, अपर मुख्य सचिव (समन्वय विभाग), अध्यक्ष (पिकप), मुख्य कार्यपालक अधिकारी (यूपीडा और उपशा), और परियोजना निदेशक (यूपीडएएसपी) जैसे महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभालेंगे। उनकी पिछली जिम्मेदारियां अब संजय प्रसाद को सौंपी गई हैं, जो मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव के साथ-साथ प्रोटोकॉल, गृह, गोपन, वीजा-पासपोर्ट, सतर्कता, सूचना, जनसंपर्क, राज्य संपत्ति, और नागरिक उड्डयन विभाग का अतिरिक्त प्रभार देखेंगे।
UP Breaking: लंबा कार्यकाल और चुनौतियां गोयल को मुख्य सचिव के रूप में 18 महीने का लंबा कार्यकाल मिला है, क्योंकि उनकी सेवानिवृत्ति जनवरी 2027 में होगी। इस दौरान उनकी निगरानी में 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले की तैयारियां, पंचायत चुनाव, जेवर एयरपोर्ट का उद्घाटन, और गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा होगा। सरकार की प्रमुख योजनाओं को लागू करने और समयबद्ध डिलीवरी सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी उनके कंधों पर होगी। यदि उन्हें सेवा विस्तार मिला, तो अगला विधानसभा चुनाव उनके कार्यकाल में ही होगा।
UP Breaking: यूपी ब्यूरोक्रेसी में गोयल की पकड़ शशि प्रकाश गोयल ने अपने करियर की शुरुआत मजिस्ट्रेट के रूप में की थी और कई जिलों में डीएम के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं। उनकी प्रशासनिक क्षमता और नीति कार्यान्वयन में दक्षता को देखते हुए सरकार ने उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। आने वाले समय में उनकी भूमिका यूपी के विकास और प्रशासनिक सुधारों में निर्णायक होगी।

