दोपहर 12 बजे हुई बाबा महाकालेश्वर की भस्म आरती, पुष्प मुकुट धारण कर दिए दिव्य दर्शन, देखें

उज्जैन: विश्व प्रसिद्ध बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिण मुखी श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि के दूसरे दिन भगवान महादेव ने पुष्प मुकुट (सेहरा) धारण कर भक्तों को अपने अलौकिक रूप में दर्शन दिए। गुरुवार, 27 फरवरी 2025 को दोपहर 12 बजे मंदिर में वर्ष में केवल एक बार होने वाली विशेष भस्म आरती का आयोजन किया गया।
इस दौरान भगवान महाकाल को पंचामृत से अभिषेक किया गया, जिसमें दूध, दही, घी, शहद और फलों का रस शामिल था। इसके बाद उन्हें राजा के स्वरूप में श्रृंगारित कर भस्म अर्पित की गई और आरती संपन्न हुई। महाकाल मंदिर के पुजारी महेश गुरु ने बताया कि भगवान का जल स्नान और पंचामृत अभिषेक के बाद मस्तक पर रजत चंद्र, तिलक, त्रिपुंड और त्रिनेत्र अर्पित किए गए। भांग, चंदन, सिंदूर और आभूषणों से श्रृंगार हुआ। महा निर्वाणी अखाड़े ने भस्म अर्पित कर कपूर आरती की।
भगवान को रजत मुकुट, रुद्राक्ष माला और मुंडमाला पहनाई गई, साथ ही सुगंधित फूलों की मालाओं से सजाया गया। फल और मिष्ठान का भोग भी लगाया गया। महाशिवरात्रि पर्व का समापन 1 मार्च 2025 को सायंकाल श्री महाकालेश्वर के पंचमुखारविन्द दर्शन के साथ होगा। इस अवसर पर देशभर से आए श्रद्धालुओं में उत्साह देखा जा रहा है। यह आयोजन भक्तों के लिए आध्यात्मिक और दैवीय अनुभव का केंद्र रहा।