आईएएस की राह में आर्थिक तंगी बनी बाधा तो गरीब बच्चों के लिए शुरु की निशुल्क कोचिंग, एक छात्रा का पीएससी तो दूसरे का डीएसपी के पद पर हुआ चयन

भोपाल। पंखो से कुछ नहीं होता हौंसलों में उड़ान होती है, मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है। यह सूत्र वाक्य को राजधानी के रहने वाले गुलाब चौहान ने साबित कर दिखाया है। दरअसल आर्थिक रुप से कमजोर परिवार में जन्में गुलाब आईएएस बनकर देश की सेवा करना चाहते थे। लेकिन आर्थिक तंगी ने उनके सपनों को रोक दिया. हालांकि इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपने जैसे गरीब बच्चों के सपनों कोपूरा करने का संकल्प लिया। इसकी शुरुआत गुलाब ने गरीब बच्चों को निशुल्क कोचिंग देने से की और वह अब 150 से अधिक गरीब बच्चों को सिविल सर्विसेज की निशुल्क शिक्षा दे रहे हैं।
150 से अधिक बच्चों को दे रहे निशुल्क कोचिंग
भोपाल के बागमुगालिया क्षेत्र में गुलाब गरीब परिवारों के बच्चों को निशुल्क कोचिंग देते हैं। इनके पास पहली कक्षा से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे नीट, यूपीपीएससी, एमपीपीएससी, बैंक, रेलवे, एसएससी व अन्य विषयों की कोचिंग लेने के लिए 150 से अधिक बच्चे पहुंचते हैं। गुलाब ने बताया कि इन छात्रों को कोचिंग देने के बदले कोई फीस नहीं ली जाती है। हालांकि यदि कोई परिवार फीस देने में सक्षम है, तो उससे मामूली फीस ली जाती है. गुलाब ठाकुर का कहना है कि मैं भले आर्थिक तंगी के कारण अपने सपनों को पूरा नहीं कर सका, लेकिन मेरा प्रयास है कि अब ऐसा कोई बच्चा न रह जाए, जिसके सपनों के बीच गरीबी बाधा बने।
पूजा चौहान को एमपीपीएससी में मिला तीसरा स्थान
गुलाब साल 2015 से बच्चों को निशुल्क कोचिंग दे रहे हैं. इनके पास कोचिंग लेने आने वाले कई छात्र एमपीपीएससी, बैंक व अन्य सेवाओं में सरकारी नौकरियां पा चुके हैं। बीते कुछ दिनों पहले एमपीपीएससी 2021 परीक्षा का रिजल्ट जारी हुआ, जिसमें उनके कोचिंग में पढ़ रही पूजा ठाकुर को तीसरा स्थान मिला है। वहीं एक अन्य छात्र भुवनेश चौहान का चयन मध्यप्रदेश पुलिस में डीएसपी पद के लिए हुआ है।
अब आगे इंटव्यू की तैयारी भी कराएंगे गुलाब
गुलाब ने बताया कि कोचिंग ठीक चल रही है. हर दिन नए बच्चे इससे जुड़ रहे हैं. इस कोचिंग के संचालन में रवि चतुर्वेदी समेत अन्य समाजसेवी आर्थिक सहयोग प्रदान कर रहे हैं. जिससे गरीब बच्चों की कोचिंग निरंतर संचालित हो रही है. अब गुलाब चौहान प्रतियोगी परीक्षाओं में पास होने वाले विद्यार्थियों के लिए इंटव्यू का प्रशिक्षण भी शुरु करने जा रहे हैं। उनका मानना है कि बच्चे कई बार रिटर्न एक्जाम तो पास कर लेते हैं, लेकिन वो इंटव्यू में रुक जाते हैं. इसीलिए अब ऐसे बच्चों के लिए साक्षात्कार देने का प्रशिक्षण भी शुरु किया जा रहा है।