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ISRO chief S Somanath: इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया इस दिन लॉन्च होगा गगनयान, पहली बार पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करेंगे भारतीय अंतरिक्ष यात्री

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ द्वारा आगामी गगनयान और चंद्रयान मिशनों की घोषणा, भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का नया अध्याय।

ISRO chief S Somanath: नई दिल्ली: इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) प्रमुख एस सोमनाथ ने देश के आगामी अंतरिक्ष मिशनों के लिए लक्ष्यित तारीखों और उनके महत्व पर प्रकाश डाला है। उन्होंने आकाशवाणी के सरदार पटेल मेमोरियल लेक्चर में भाग लेते हुए बताया कि इसरो 2026 में अपना पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन "गगनयान" लॉन्च करेगा। इस मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री पहली बार पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करेंगे, जो भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा।

ISRO chief S Somanathचंद्रयान-5 मिशन जापान के साथ साझेदारी में होगा
इसरो प्रमुख ने कहा कि चंद्रयान-5 मिशन को जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXA के सहयोग से विकसित किया जाएगा। इस मिशन में 350 किलो का एक विशाल रोवर चांद की सतह पर भेजा जाएगा, जिसे जापान द्वारा निर्मित किया जाएगा। इससे पहले चंद्रयान-3 मिशन में भेजा गया रोवर मात्र 27 किलो का था, जो इस नए मिशन की व्यापकता को दर्शाता है। चंद्रयान-4, जो चंद्रमा से सैंपल लेकर वापस लाएगा, को 2028 में लॉन्च किया जाने का लक्ष्य है। इसके साथ ही चंद्रयान-5 मिशन की लॉन्चिंग 2028 के बाद की जा सकती है।

ISRO chief S Somanathभारत-अमेरिका का संयुक्त मिशन NISAR अगले साल होगा लॉन्च
इसरो प्रमुख के अनुसार, भारत और अमेरिका के संयुक्त पृथ्वी निगरानी मिशन NISAR (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) को साल 2025 में लॉन्च करने की योजना है। इस मिशन से पृथ्वी की जलवायु, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं का अध्ययन करने में मदद मिलेगी, जिससे पर्यावरण संरक्षण और आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

ISRO chief S Somanath2040 तक चांद पर मानव मिशन भेजने का लक्ष्य
इसरो प्रमुख ने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को और अधिक विस्तार देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी की योजना 2040 तक चंद्रमा पर मानव मिशन भेजने की है, जो भारत को वैश्विक अंतरिक्ष दौड़ में एक मजबूत स्थिति प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में इसरो का वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग में योगदान मात्र 2 प्रतिशत है, जिसे इस दशक के अंत तक 10 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी को सक्षम बनाने और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियों की आवश्यकता होगी।

ISRO chief S Somanathअंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों की बढ़ती रुचि
इसरो प्रमुख ने कहा कि कई बड़े और छोटे उद्योग अंतरिक्ष क्षेत्र में निवेश करने में रुचि दिखा रहे हैं। इसरो द्वारा पूर्व में किए गए कार्यों को अब निजी उद्योग द्वारा भी संचालित किया जा रहा है, जिससे देश में अंतरिक्ष तकनीक का तेजी से विस्तार हो रहा है। नई नीतियों और साझेदारियों के साथ, इसरो आने वाले वर्षों में अपनी अंतरिक्ष यात्रा को और भी दूर तक ले जाने के लिए तैयार है।

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