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Health Security Bill: गुटखा-पान मसाला बनाने वालों पर पाबंदी की तैयारी, इसी सत्र में सरकार बनाने जा रही है नया कानून, पढ़ें पूरी खबर

Health Security Bill: नई दिल्ली। National Security & Public Health Cess: केंद्र सरकार गुटखा और पान मसाला उद्योग पर अब तक की सबसे बड़ी सख्ती करने जा रही है। इन उत्पादों के बढ़ते उपयोग, स्वास्थ्य जोखिमों

Health Security Bill: नई दिल्ली। National Security & Public Health Cess: केंद्र सरकार गुटखा और पान मसाला उद्योग पर अब तक की सबसे बड़ी सख्ती करने जा रही है। इन उत्पादों के बढ़ते उपयोग, स्वास्थ्य जोखिमों और टैक्स चोरी की शिकायतों के बाद, सरकार ने एक नया और कड़ा वित्तीय प्रावधान लागू करने की तैयारी कर ली है।


Health Security Bill: सरकार ‘नेशनल सिक्योरिटी और जन स्वास्थ्य सेस’ नाम का नया टैक्स लगाने की योजना बना रही है, जिसके तहत न केवल इन उत्पादों के निर्माताओं पर नियंत्रण मजबूत किया जाएगा, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और पब्लिक हेल्थ मिशनों के लिए अतिरिक्त संसाधन भी जुटाए जाएंगे।


Health Security Bill: संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश होने वाले ‘हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल 2025’ को सरकार स्वास्थ्य और सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के लिहाज से एक महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार मान रही है।


Health Security Bill: बिल से जुड़ी बड़ी बातें


1.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बिल को लोकसभा में पेश करेंगी। इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वास्थ्य योजनाओं के लिए अतिरिक्त धन जुटाना है।

2.नया सेस गुटखा-पान मसाला बनाने वाली मशीनों और उत्पादन प्रक्रिया पर लगेगा। यानी यह टैक्स तैयार उत्पाद की मात्रा पर नहीं, बल्कि उत्पादन क्षमता के आधार पर तय होगा।

3.चाहे सामान मशीन से बने या हाथ से, सभी निर्माताओं को हर महीने सेस देना अनिवार्य होगा। हाथ से उत्पादन करने वालों के लिए भी एक फिक्स्ड मासिक शुल्क तय किया जाएगा।

4.संसद में मंजूरी मिलने के बाद, इस सेस से जुटाई गई राशि राष्ट्रीय सुरक्षा और पब्लिक हेल्थ प्रोजेक्ट्स पर खर्च की जाएगी।

5.यदि जरूरत पड़ी, तो सरकार इस सेस को दोगुना भी कर सकती है।

6.नियमों का पालन न करने पर 5 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है। हालांकि, कंपनियां अपीलीय अधिकारियों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अपील कर सकती हैं।

7.हर गुटखा-पान मसाला निर्माता को अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बिना उत्पादन करना अवैध माना जाएगा।

8.जिन कंपनियों पर यह सेस लागू होगा, उन्हें मासिक रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य होगा। सरकारी अधिकारी जांच और ऑडिट कर सकेंगे।

9.अगर कोई मशीन या उत्पादन प्रक्रिया 15 दिनों से अधिक बंद रहती है, तो उस अवधि के लिए सेस में छूट मिल सकती है।

10.इस बिल को तंबाकू और पान मसाला उद्योग पर नकेल कसने और सरकारी राजस्व बढ़ाने की दिशा में सरकार का सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है।

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