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क्या टैटू से हुआ महिलाओं को एड्स? खबर से फैली सनसनी, तो अब जिला एड्स नियंत्रण अधिकारी ने दी सफाई

गाजियाबाद के जिला एड्स नियंत्रण अधिकारी ने टैटू से एचआईवी संक्रमण की खबरों को भ्रामक बताया और विभागीय डेटा जारी न करने की पुष्टि की।

गाजियाबाद: गाजियाबाद के जिला एड्स नियंत्रण अधिकारी ने हाल ही में उन खबरों को खारिज कर दिया है, जिनमें दावा किया गया था कि टैटू बनवाने से 20 महिलाओं में एचआईवी संक्रमण हुआ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विभाग ने ऐसा कोई डेटा जारी नहीं किया है और इस प्रकार की खबरें भ्रामक हैं।

पिछले कुछ दिनों में मीडिया में यह दावा किया गया था कि गाजियाबाद में सड़क किनारे टैटू बनवाने से कुछ महिलाएं एचआईवी संक्रमित हो गई हैं। इस पर स्थिति स्पष्ट करते हुए जिला एड्स नियंत्रण कार्यालय ने 11 नवंबर 2024 को एक प्रेस बयान जारी किया। एआरटी नोडल अधिकारी डॉ. ए.के. दीक्षित ने कहा कि एचआईवी आमतौर पर असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित रक्त, मां से बच्चे में संक्रमण और संक्रमित सुइयों के दोबारा इस्तेमाल से फैलता है, लेकिन यह साझा शौचालय, गले लगने, भोजन करने, चुंबन, हाथ मिलाने या मच्छरों के काटने से नहीं फैलता।

जिला एड्स नियंत्रण अधिकारी डॉ. अनिल कुमार यादव ने प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों की एचआईवी जांच के लिए चल रहे स्वास्थ्य शिविरों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि प्रत्येक ब्लॉक में जल्द ही ग्राम प्रधानों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा कार्यकर्ताओं को एचआईवी जागरूकता और रोकथाम के बारे में प्रशिक्षित करने के लिए कार्यशालाएँ आयोजित की जाएँगी।

मीडिया में आई “टैटू के कारण चार साल में 20 महिलाएं एचआईवी संक्रमित हुईं” जैसी खबरों के संदर्भ में डॉ. यादव ने स्पष्ट किया कि विभाग ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है और इस तरह के दावे विभाग के रिकॉर्ड में नहीं हैं। फिलहाल, विभाग मामले की समीक्षा कर रहा है और जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।

जिला अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार, पिछले चार सालों में प्रसवपूर्व जांच के दौरान 68 महिलाओं को एचआईवी पॉजिटिव पाया गया है। इनमें से 20 महिलाओं ने संदेह जताया कि सड़क किनारे टैटू बनवाने के कारण वे संक्रमित हो सकती हैं। जिला अस्पताल की काउंसलर उमा सिंह ने बताया कि एचआईवी टैटू से नहीं बल्कि एक ही सुई के कई व्यक्तियों पर उपयोग से फैल सकता है। पैथोलॉजिस्ट डॉ. शेफाली अग्रवाल ने टैटू कलाकारों को सलाह दी कि हर क्लाइंट के लिए नई सुई का इस्तेमाल करें ताकि संक्रमण का जोखिम कम हो। उन्होंने कहा कि जागरूकता और सावधानी से एचआईवी के खतरे को कम किया जा सकता है।

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