Pahalgam attack Mock drill will be conducted tomorrow: कल होगी मॉक ड्रिल, आधे घंटे ब्लैक आउट, आखिरी बार कब बजे थे सायरन, छत्तीसगढ़ का कौन सा शहर शामिल, Newsplus21 पर पढ़ें सबसे पहले खबर

- Pradeep Sharma
- 06 May, 2025
Pahalgam attack Mock drill will be conducted tomorrow: नई दिल्ली/रायपुर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने केंद्र सरकार को सतर्क कर दिया है। इस हमले में 26 लोगों की मौत के बाद सुरक्षा तैयारियों को लेकर नई चिंता खड़ी
Pahalgam attack Mock drill will be conducted tomorrow: नई दिल्ली/रायपुर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने केंद्र सरकार को सतर्क कर दिया है। इस हमले में 26 लोगों की मौत के बाद सुरक्षा तैयारियों को लेकर नई चिंता खड़ी हो गई है। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कई उच्च स्तरीय बैठकें कीं। इन्हीं बैठकों के नतीजे के तौर पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 7 मई को देशभर के 244 जिलों में मॉक ड्रिल करवाने का फैसला लिया है। मॉक ड्रिल में छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर को शामिल किया गया है, जहां इस्पात मंत्रालय का भिलाई इस्पात संयंत्र जैसी बड़ी उद्योग इकाई स्थित है।
Pahalgam attack Mock drill will be conducted tomorrow: मॉक ड्रिल में इन अहम पहलुओं को परखा जाएगा यह अभ्यास केवल औपचारिकता नहीं है, बल्कि कई अहम पहलुओं को परखने का तरीका है। इनमें हवाई हमले की चेतावनी प्रणाली की प्रभावशीलता का आकलन प्रमुख है। भारतीय वायु सेना के साथ हॉटलाइन और रेडियो संचार लिंक की कार्यक्षमता को परखा जाएगा, ताकि आपात स्थिति में संवाद बाधित न हो। नियंत्रण कक्षों और छाया नियंत्रण कक्षों की संचालन क्षमता का भी परीक्षण किया जाएगा। नागरिकों, खासकर छात्रों को शत्रुतापूर्ण हमलों के दौरान सुरक्षा उपायों की जानकारी देने और नागरिक सुरक्षा के प्रति उन्हें प्रशिक्षित करने पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
Pahalgam attack Mock drill will be conducted tomorrow: 1971 भारत पाकिस्तान वार के दौरान भी हुई थी मॉक ड्रिल
इससे पहले भारत में इस तरह की व्यापक मॉक ड्रिल 1971 में हुई थी, जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध चल रहा था। उस समय की मॉक ड्रिल युद्ध के दौरान नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए की गई थी। इस बार होने वाली मॉक ड्रिल में खासतौर पर हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाए जाएंगे, ब्लैकआउट (अंधेरा) किया जाएगा और आम लोगों को सिखाया जाएगा कि हमले की स्थिति में उन्हें कैसे प्रतिक्रिया देनी है। यानी स्कूल, दफ्तर और घरों में रहने वाले नागरिकों को सिखाया जाएगा कि खतरे की स्थिति में कहां छुपना है, कैसे सतर्क रहना है और किन चीज़ों से बचाव हो सकता है। यह तैयारी किसी भी आपात स्थिति में जानमाल के नुकसान को कम करने की कोशिश है।