Breaking News
:

USAID Controversy: फंडिंग का वोटिंग से नहीं है कनेक्शन, सामने आई भारत सरकार की सफाई, जानें क्या कहा

USAID Controversy: यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट यानी USAID की फंडिंग पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दुनिया के बड़े टेक जाइंट के दावों को लेकर भारत से लेकर पूरी देश-दुनिया में सियासी बवाल मच गया।

USAID Controversy: यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट यानी USAID की फंडिंग पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दुनिया के बड़े टेक जाइंट के दावों को लेकर भारत से लेकर पूरी देश-दुनिया में सियासी बवाल मच गया।

 नई दिल्ली। USAID Controversy: यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट यानी USAID की फंडिंग पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दुनिया के बड़े टेक जाइंट के दावों को लेकर भारत से लेकर पूरी देश-दुनिया में सियासी बवाल मच गया।


USAID Controversy: ट्रंप ने कहा था कि भारत में लोकसभा चुनाव के दौरान वोटरों की संख्या बढ़ाने के लिए इस एजेंसी ने भारत को 21 मिलियन डॉलर यानी 2.1 करोड़ डॉलर रुपए दिए। ट्रंप ने यह भी कहा था कि ऐसा लगता है कि बाइडेन सरकार भारत में किसी और को चुनना चाहती थी।


USAID Controversy: इन परियोजनाओं के लिए उपलब्ध कराई गई धनराशि



इस विवाद के बाद वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले आर्थिक मामलों का विभाग ने रिपोर्ट में 2023-24 में वित्त पोषित परियोजनाओं का विवरण भी साझा किया। आर्थिक मामलों का विभाग द्विपक्षीय वित्त पोषण व्यवस्था के लिए नोडल विभाग है। रिपोर्ट की मानें तो मतदान बढ़ाने के लिए कोई धनराशि उपलब्ध नहीं कराई गई, लेकिन कृषि एवं खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम; जल, स्वच्छता एवं आरोग्य (वाश); नवीकरणीय ऊर्जा; आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य से संबंधित परियोजनाओं के लिए धनराशि उपलब्ध कराई गई।


USAID Controversy: वित्त मंत्रालय की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान समय में यूएसएड की तरफ से भारत सरकार के साथ साझेदारी में 75 करोड़ डॉलर के बजट से सात परियोजनाओं को वित्त पोषित किया जा रहा। वित्त वर्ष 2023-24 में अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएड) ने सात परियोजनाओं के तहत कुल 9.7 करोड़ डॉलर (करोड़ 825 करोड़ रुपये) की प्रतिबद्धता रखी।


USAID Controversy: 1951 में शुरू हुई थी सहायता


रिपोर्ट के मुताबिक, सतत वन एवं जलवायु अनुकूलन कार्यक्रम और ऊर्जा दक्षता प्रौद्योगिकी व्यावसायीकरण एवं नवाचार परियोजना के लिए भी धनराशि उपलब्ध कराई गई। भारत को अमेरिका की द्विपक्षीय विकास सहायता 1951 में शुरू हुई थी और इसे मुख्य रूप से यूएसएड के माध्यम से प्रशासित किया जाता है। अपनी शुरुआत के बाद से, यूएसएड ने 555 से अधिक परियोजनाओं के लिए विभिन्न क्षेत्रों में भारत को 17 अरब डॉलर से अधिक की वित्तीय सहायता प्रदान की है।

Popular post

Live News

Latest post

You may also like

Subscribe Here

Enter your email address to subscribe to this website and receive notifications of new posts by email.

Join Us