एमपी में पिछड़ा बीजेपी का सक्रिय सदस्यता अभियान, तीन सप्ताह में भी लक्ष्य अधूरा

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के संगठन पर्व में सक्रिय सदस्यता का काम भी पिछले तीन सप्ताह से जारी है। प्राथमिक सदस्यता के बाद पार्टी ने सक्रिय सदस्यता का अभियान प्रारंभ किया था, लेकिन इसमें भी कई क्षेत्रों में पीछे रहने के कारण सदस्यता संख्या पूरी नहीं हो सकी है। प्रदेश के ऐसे करीब 15 हजार बूथ है, जिनमें पार्टी को सक्रिय सदस्य बनाने में पसीना आ रहा है। भाजपा ने सक्रिय सदस्य बनाने के लिए सौ प्राथमिक सदस्य बनाने की शर्त रखी थी, जिसमें कई कार्यकर्ता सौ सदस्य बनाकर सक्रिय सदस्य बन गए, लेकिन प्रदेश के कुछ क्षेत्र ऐसे भी रहे जहां सक्रिय सदस्यता की संख्या काफी कम रही है। इसके पीछे जो कारण बताए जा रहे हैं। उसमें कार्यकर्ताओं द्वारा बड़े नेताओं के लिए प्राथमिक सदस्य बनाना है।
इसके अलावा कई नेताओं द्वारा हजारों की संख्या में प्राथमिक सदस्य बनाने के बाद कार्यकर्ताओं के लिए सदस्य बनाने के लिए व्यक्ति ही नहीं मिले। दूसरी ओर प्रदेश के 15
हजार ऐसे बूथ जहां भाजपा को विधानसभा और लोकसभा चुनाव में अपने विरोधीदल की अपेक्षा कम मत प्राप्त हुए एक तरह से इन बूथों पर भाजपा को पराजय का सामना करना पड़ा था। अब सवाल यह उठ रहा है कि जिन बूथ पर पार्टी पहले से ही कमजोर है वहां सक्रिय सदस्य कैसे बनाए जाएं, ऐसे बूथ पर प्राथमिक सदस्यों की संख्या भी उतनी नहीं रही जितनी पार्टी द्वारा निर्धारित की गई थी।
इसके बाद पार्टी द्वारा इसमें कुछ बदलाव करते हुए प्रत्येक बूथ पर 50 सदस्य बनाने वाले को भी सक्रिय सदस्य बनाने की बात कही। इस सबके बाद भी प्रदेश में 5 नवंबर तक जिस पहली सूची का प्रकाशन किया गया था, उस हिसाब से पूरे प्रदेश में सक्रिय सदस्यों की संख्या 60 हजार के करीब पहुंच गई है। अब सक्रिय सदस्यों की दूसरी सूची का प्रकाशन 25 नवंबर को किया जाना है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि इस दिनांक तक पार्टी प्रदेश में अपने सक्रिय सदस्य के लक्ष्य को पूरा कर लेगी।