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Viral Video: युवा संत अभिनव अरोड़ा पर क्यों भड़के स्वामी रामभद्राचार्य? मंच से उतारा, कहा- नीचे उतारिए इनको

स्वामी रामभद्राचार्य ने युवा संत अभिनव अरोड़ा को मंच से उतरने का निर्देश देते हुए, धार्मिक आयोजन में अनुशासन बनाए रखने पर जोर दिया।

नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर आजकल कई “बाबाओं” की लोकप्रियता में वृद्धि देखने को मिल रही है, जिनमें से कुछ युवाओं की रुचि आध्यात्मिकता में तेजी से बढ़ी है। 10 वर्षीय अभिनव अरोड़ा, जिन्हें “युवा संत” के रूप में भी जाना जाता है, काफी चर्चा में हैं। सोशल मीडिया पर उनकी आध्यात्मिक गतिविधियों ने उन्हें प्रसिद्ध बना दिया है, लेकिन हाल ही में 74 वर्षीय भारतीय आध्यात्मिक गुरु और शिक्षाविद् स्वामी रामभद्राचार्य जी ने के साथ हुए एक घटना ने उन्हें फिर से सुर्खियों में ला दिया है।

इस घटना का वीडियो एक धार्मिक आयोजन के दौरान वायरल हुआ, जिसमें अभिनव अरोड़ा मंच पर मौजूद थे। वीडियो में दिखता है कि जब स्वामी रामभद्राचार्य मंच पर भाषण दे रहे थे, तब अभिनव ने अचानक भगवान राम का नाम लेकर जोर-जोर से मंत्रोच्चार और ताली बजाना शुरू कर दिया। स्वामी रामभद्राचार्य, जो अपने अनुशासन और परंपराओं के लिए जाने जाते हैं, ने इसे अनुचित समझा और उन्हें मंच से उतरने के लिए कहा। उन्होंने कहा, “नीचे उतारिए इनको, मेरी भी मर्यादा है,” और यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो गया।


स्वामी रामभद्राचार्य की प्रतिक्रिया और चिंताएँ-
भारतीय आध्यात्मिक गुरु और शिक्षाविद् स्वामी रामभद्राचार्य जी का मानना था कि इस प्रकार के अति-उत्साहपूर्ण व्यवहार से धार्मिक आयोजनों की गरिमा भंग होती है। स्वामी जी ने पहले भी वृंदावन में अभिनव को इसी प्रकार के व्यवहार के लिए चेतावनी दी थी। बाद में उन्होंने इस घटना के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए ANI को बताया कि “वह एक मूर्ख लड़का है। वह कहता है कि भगवान कृष्ण उसके साथ पढ़ते हैं। क्या भगवान कृष्ण वास्तव में उसके साथ पढ़ेंगे?” स्वामी रामभद्राचार्य की इस प्रतिक्रिया ने सोशल मीडिया पर अनुशासन और धार्मिक आयोजनों में शिष्टाचार की आवश्यकता पर एक व्यापक चर्चा छेड़ दी है।


अभिनव अरोड़ा की सोशल मीडिया प्रसिद्धि-
सोशल मीडिया पर अपनी आध्यात्मिक प्रस्तुतियों के लिए प्रसिद्ध, अभिनव के फॉलोअर्स लगातार बढ़ रहे हैं। उनके इंस्टाग्राम और अन्य प्लेटफार्म पर हिंदू देवी-देवताओं की पूजा करते हुए वीडियो साझा किए गए हैं। जबकि कुछ लोग उनकी भक्ति को सच्ची मानते हैं, वहीं अन्य इसे उनके उम्र के कारण समझने में असमर्थ हैं और इसे दिखावे की दृष्टि से देखते हैं। इस घटना के बाद से अभिनव को कई प्रकार के प्रतिक्रियाएँ मिल रही हैं, जहाँ कुछ लोगों ने उनकी आलोचना की तो अन्य ने उनके उत्साह की सराहना की है।


धार्मिक आयोजनों में अनुशासन और आधुनिक आध्यात्मिकता-
इस घटना ने धार्मिक आयोजनों में अनुशासन और आधुनिक आध्यात्मिकता की आवश्यकता को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। स्वामी रामभद्राचार्य के इस कदम को अनुयायियों द्वारा धार्मिक स्थलों की गरिमा बनाए रखने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, जबकि अन्य का मानना है कि अभिनव की भक्ति सच्ची है। यह चर्चा न केवल आधुनिक आध्यात्मिकता की सीमा रेखाओं को रेखांकित करती है, बल्कि समाज में युवा संतों की भूमिका को लेकर भी सवाल खड़े करती है।



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