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सीएमएचओ डॉ प्रभाकर तिवारी डॉक्टर की नियुक्ति पर घिरे, कारण बताओं नोटिस जारी, एनएसयूआइ ने लगाएं गंभीर आरोप...

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बाद में जब विभागीय जांच के बाद उनकी नियुक्ति निरस्त कर दी गई, तब भी उन्हें नियमित भुगतान किया जाता रहा, जो पूरी तरह नियम विरुद्ध था

MP News : भोपाल। संचालनालय लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, मध्यप्रदेश द्वारा भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. प्रभाकर तिवारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत जारी किया गया है, जिसमें डॉ. तिवारी पर कार्य में लापरवाही और अपने दायित्वों के निर्वहन में असफल रहने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। NSUI प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने कहा कि डॉ. प्रभाकर तिवारी ने विभाग को ग़लत जानकारी देकर डॉ. प्रांजल खरे की अवैध नियुक्ति करवाई थी।


MP News : बाद में जब विभागीय जांच के बाद उनकी नियुक्ति निरस्त कर दी गई, तब भी उन्हें नियमित भुगतान किया जाता रहा, जो पूरी तरह नियम विरुद्ध था। इसके अलावा, डॉ. प्रभाकर तिवारी ने अधिकारियों से मिलीभगत कर अपनी पत्नी डॉ. प्रज्ञा तिवारी को NHM में प्रभारी संचालक बनवाया, जबकि उनके खिलाफ विभाग में सैकड़ों शिकायतें लंबित हैं। रवि परमार ने आरोप लगाया कि डॉ. प्रभाकर तिवारी स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार का मास्टरमाइंड हैं। जब वे सीहोर में पदस्थ थे, तब वहां भी उन्होंने चिकित्सा सामग्री की खरीद में घोटाला किया था, जिसकी जांच के बाद उन पर FIR दर्ज हुई थी।


MP News : अब भोपाल में भी उन्होंने सैकड़ों फर्जी अस्पताल खुलवाकर मानव जीवन के साथ खिलवाड़ किया और अधिकारियों से मिलीभगत कर फर्जी नियुक्तियां करवाईं। एनएसयूआइ ने की सरकार से यह मांग एनएसयूआइ के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने कहा कि डॉ. प्रभाकर तिवारी दोषी पाए गए हैं, इसलिए उन्हें तत्काल पद से हटाया जाए और भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि भोपाल के नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए NSUI इस मुद्दे को हर स्तर पर उठाएगा और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा।


MP News : एनएसयूआई की शिकायत के मुख्य बिंदु

1. CMHO द्वारा भोपाल के अवैध नर्सिंग होम और क्लीनिकों की अनियमितताओं पर कार्रवाई नहीं की गई।
2. विभाग ने स्पष्ट किया कि डॉ. प्रभाकर तिवारी की निष्क्रियता के कारण अवैध रूप से संचालित संस्थानों पर कार्रवाई नहीं हो पाई।
3. डॉ. प्रांजल खरे की फर्जी नियुक्ति करवाने में डॉ. प्रभाकर तिवारी की मुख्य भूमिका रही।
4. अधिकारियों से सांठगांठ कर पत्नी डॉ. प्रज्ञा तिवारी को NHM में प्रभारी संचालक बनवाया गया
 5. भोपाल में सैकड़ों फर्जी अस्पताल खोलकर जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया गया।

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