Ayodhya Deepotsav 2025: अयोध्या में दीपोत्सव की धूम, 8 लाख दीपों से जगमगाई रामनगरी, फूलों से सजा मंदिर

Ayodhya Deepotsav 2025: अयोध्या: प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या आज दीपों की अलौकिक रोशनी में नहाई हुई है। 9वें दीपोत्सव 2025 के अवसर पर अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया गया है। राम की पैड़ी से लेकर सरयू तट के 56 घाटों तक 28 लाख से अधिक दीप जलाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया। पिछला रिकॉर्ड 26 लाख 11 हजार 101 दीयों का था, जिसे इस बार तोड़ दिया गया। रिकॉर्ड दर्ज करने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम अयोध्या में मौजूद रही।
Ayodhya Deepotsav 2025: भव्य दीपोत्सव में इतिहास रचा
दीपोत्सव की तैयारी कई महीनों से चल रही थी। अवध विश्वविद्यालय और सामाजिक संस्थाओं के 33 हजार वॉलिंटियर्स ने सरयू तट और आसपास के घाटों पर दीप सजाकर उन्हें जलाया। जैसे ही संध्या ढली, अयोध्या दीपों की रौशनी से स्वर्णिम आभा में नहाने लगी। यह नजारा त्रेता युग की उस स्वर्णिम वापसी की याद दिला गया, जब भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास और रावण वध के बाद अयोध्या लौटे थे।
Ayodhya Deepotsav 2025: सीएम योगी ने किया भगवान श्रीराम का राजतिलक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दीपोत्सव के मौके पर अयोध्या पहुंचे। उन्होंने पुष्पक विमान रूपी हेलीकॉप्टर से आगमन करने वाले राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान के स्वरूपों की रामकथा पार्क हेलीपैड पर अगवानी की। इसके बाद रामकथा पार्क में आयोजित राज्याभिषेक समारोह में सीएम योगी ने भगवान श्रीराम का प्रतीकात्मक राजतिलक किया। पूरे परिसर में “जय श्रीराम” के गगनभेदी नारे गूंज उठे। मुख्यमंत्री ने श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और गुरु वशिष्ठ का तिलक व माल्यार्पण कर आरती उतारी। इसके बाद उन्होंने रामलला के दर्शन किए और प्रदेशवासियों के लिए सुख-समृद्धि की कामना की।
Ayodhya Deepotsav 2025: दुल्हन सी सजी अयोध्या
रामनगरी अयोध्या को दीपों, पुष्पों और रोशनी से इस तरह सजाया गया कि हर चौक-चौराहे से भक्ति और उल्लास की भावना झलक रही थी। शहर की गलियों में रंगोली और सजावट ने माहौल को और भी मनमोहक बना दिया। भक्तों और श्रद्धालुओं की भीड़ इस दिव्य क्षण की साक्षी बनी।
Ayodhya Deepotsav 2025: दीपों की रौशनी में लौटा त्रेता युग
पूरी अयोध्या का दृश्य मानो त्रेता युग की झांकी बन गया था। भक्तों ने भगवान श्रीराम, माता सीता और हनुमान जी के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय बना दिया। सरयू तट पर जलते 28 लाख दीप न सिर्फ भक्ति की आभा बिखेर रहे थे, बल्कि पूरी दुनिया के लिए “रामराज्य के प्रकाश” का संदेश दे रहे थे।