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संतान की लंबी आयु व सुख-समृद्धि के लिए महिलाओं ने रखा कमरछठ का व्रत

कमरछठ का व्रत

संतान की लंबी आयु व सुख-समृद्धि के लिए महिलाओं ने रखा कमरछठ का व्रत


रामकुमार भारद्वाज/ कोण्डागांव :- जिले की महिलाओ ने 24 अगस्त शनिवार को अपने संतान की सुख-समृद्धि की कामना का पर्व हलषष्टी व्रत (कमरछठ) श्रद्धा व उत्साह से साथ मनाया गया। इस अवसर पर माताओं ने संतान की लंबी आयु की कामना को लेकर निर्जला व्रत रखा। इस अवसर पर सगरी बनाकर उसमें जल डालकर पूजा अर्चना कर महिलाओ ने संतान की दीर्घायु की कामना की। 

इस अवसर पर  विधि विधान से पूजा करवाई। महिलाओं ने पूजा के लिए बनाई गई सगरी (तालाब कुंड) की परिक्रमा की और गीत गाए। पूजा में पसहर चावल व छह प्रकार की भाजी का भोग लगाया गया और प्रसाद को ग्रहण कर महिलाओं ने व्रत तोड़ा। व्रती महिलाओं ने बताया कि कमरछठ पर्व पर संतान की लंबी आयु के लिए भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है।

इस अवसर पर महिलाएं सुबह स्नान-ध्यान कर दोना व टोकनी में पूजन सामग्री लेकर मंदिर पहुंचीं और पूजा स्थल को गोबर से लीपा व गड्ढा खोदकर सगरी बनाई। कुंड के चारों ओर मुरबेरी का पेड़, ताग, पलाटा की शाखा बांधकर हरछठ को गाड़ा तथा भगवान गणेश, शंकर, माता पार्वती की पूजा की। पूजा के दौरान पसहर चावल के व्यंजन का भोग लगाया, साथ ही महुआ, चना, भैंस के दूध, दही, घी, जौ, गेहूं, धान मक्का आदि भी अर्पित कर पूजा अर्चना की।

–हल की पूजा का प्रावधान–

मान्यतानुसार इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था। यही वजह है कि इस अवसर पर उनके साथ उनके अस्त्र हल व बैल की भी पूजा की जाती है। पूजा के बाद व्रत पारणा में भी हल से उपजे अन्न का उपयोग नहीं किया जाता।

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