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Wedding auspicious : 12 नवंबर से शुरु होगी चार महीनों से रुकी शादियां, नए साल में 55 दिन बजेंगी शहनाइयां, ऐसा रहेगा शुभ मुहूर्त

Wedding auspicious

इसी दिन से विवाह समारोह का शुरू हो जाएगा। इस वर्ष नवंबर-दिसंबर में शादियों की कुल 19 दिन शुभ तिथियां रहेंगी।

Wedding auspicious : भोपाल। देवउठनी ग्यारस के बाद से शादियों का सीजन शुरू होने जा रहा है। अभी चार महीने से शुभ मुहूर्त नही होने से शादियो पर विराम लगा हुआ था। देवउठनी एकादशी के बाद  इस साल 19 दिन शादियों की शुभ तिथियां रहेंगी। नववर्ष 2025 में विवाह समारोह की 55 शुभ तिथियां रहेंगी। वहीं, गुरु का तारा अस्त होने के कारण अबूझ मुहूर्त भड़लिया नवमीं पर विवाह नहीं हो सकेंगे। मई 2025 में सर्वाधिक विवाह समारोह की शुभ तिथियां 1 दिन मई में रहेगी। पंडितो के मुताबिक 6 जुलाई देवशयनी एकादशी से चार माह के लिए शादियों पर विराम लग जाएगा। दीपावली के बाद दो नवंबर को देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी। इसी दिन से विवाह समारोह का शुरू हो जाएगा। इस वर्ष नवंबर-दिसंबर में शादियों की कुल 19 दिन शुभ तिथियां रहेंगी।


Wedding auspicious : 15 दिसंबर से खरमास शुरू हो जाएगा। इस दौरान शादियां बंद रहेंगी। नए साल में शादियों की शुरुआत 15 जनवरी मकर संक्रांति के बाद होगी। सात मार्च से होलाष्टक लगेंगे। इसके बाद 14 मार्च से 12 अप्रैल मीन के सूर्य खरमास के कारण शादियां बंद रहेंगी। सात जून के बाद गुरु का तारा अस्त होने के कारण जून-जुलाई में शादियों पर पूर्णत: विराम रहेगा। देवशयनी एकादशी 6 जुलाई से देवउठनी एकादशी 2 नवंबर तक चार माह के लिए फिर शादियां बंद हो जाएंगी।


Wedding auspicious : विवाह समारोह की हर तिथि शुभ नहीं-
ज्योतिष का कहना है कि विवाह मुहूर्त की सभी तिथि शुभ नहीं होती है। विवाह के लिए शुभ मुहूर्त में लड़के का सूर्य व चंद्र बल तथा लड़की का गुरु व चंद्र बल को मिलाकर तिथियां निकाली जाती हैं। विवाह समारोह के अबूझ मुहूर्त देवउठनी एकादशी के बाद विवाह समारोह के अबूझ मुहूर्त भी है। इसमें बसंत पंचमी आगामी फरवरी व अक्षय तृतीया  अप्रैल को है। इन तिथियों में बिना मुहूर्त देखे विवाह किए जा सकते हैं।


Wedding auspicious : गुरु व शुक्र अस्त होने पर नहीं किए जाते हैं शुभ काम-
तारा डूबने का अर्थ तारा के अस्त हो जाने से होता है, जैसे सूर्य का उदय और अस्त होना। खगोल के मुताबिक सूर्य पृथ्वी के सबसे नजदीक का तारा है, जो अपने ही प्रकाश से चमकता है। अन्य ग्रह सूर्य के प्रकाश से ही प्रकाशित होते हैं। वैदिक ज्योतिष में गुरु व शुक्र ग्रह को तारा माना गया है। इनके अस्त हो जाने पर भारतीय ज्योतिष शास्त्र किसी भी प्राणी को शुभ कार्य की अनुमति नहीं देता। ब्रहस्पति ग्रह को संपन्नता, विवाह, वैभव, विवेक, धार्मिक कार्य आदि का कारक माना गया है। इसलिए इसका अस्त होना शुभ नहीं होता। शुक्र अस्त होने से उससे मिलने वाली सुख-समृद्धि में लोक वंचित रह जाते हैं। गुरु व शुक्र ग्रह जब अस्त होते हैं, तब शुभ मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है।


Wedding auspicious : वर्ष 2024 में शुभ विवाह की तिथियां-
नवंबर: 16, 17, 18, 22, 23, 24, 25, 26
दिसंबर: 2, 3, 4, 5, 9, 10, 11, 13, 14, 15


Wedding auspicious : वर्ष 2025 में शुभ विवाह की तिथियां-
जनवरी: 16, 22, 24, 26, 27
फरवरी: 2, &, 7, 8, 12, 16, 19, 21, 22, 2&, 25
मार्च: 1, 2, 6
अप्रैल: 14, 16, 18, 20, 21, 25, 29, 
मई: 1, 5, 6, 7, 8, 9, 11, 1&, 15, 18, 22, 2&, 28
जून: 2, 4, 5, 7
नवंबर: 22, 2&, 24, 25, 29, 30
दिसंबर: 1, 4, 5, 6, 10

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