जया किशोरी देश की एक पॉपुलर कथावाचक हैं जो भागवत कथा के जरिए उन्होंने अपनी खास पहचान बनाई है

जया किशोरी 13 जुलाई 1995 को सुजानगढ़ के एक गौड़ ब्राह्मण परिवार में जन्मीं अपने भाई-बहनों में बड़ी हैं.

कथावाचिका का मन बचपन से ही भगवान की भक्ति में लग गया था और उनके घर में हनुमान जी का सुंदरकांड पढ़ा जाता था.

धीरे-धीरे किशोरी कीर्तन करना, भजन गाना और जागरण में भजन गीत गाना शुरू किया और फिर सफर आगे बढ़ता चला गया.

जया के गुरु पंडित श्री गोविंद राममिश्रा ने  भगवान श्री कृष्ण के प्रति उनके प्रेम को देखते हुए उन्हें 'किशोरी जी' की उपाधि दी थी.

इस समय में जया किशोरी कथावाचन के लिए 9 से 10 लाख रुपये तक लेती हैं, जिसमें नानी बाई को मायरो और श्रीमद भागवत कथा का वाचन होता है

अगर उनके कोई करीबी कथा के लिए जया किशोरी से संपर्क करते है, तो उनके यहां बिना फीस लिए भी कार्यक्रम करती हैं

किशोरी आमदनी का बड़ा हिस्सा नारायण संस्थान में दान करती हैं और यह संस्था दिव्यांग लोगों के लिए अस्पताल चलाती है और गरीबों की सेवा करती है

किशोरी जी भारत के साथ-साथ विदेशों में भी बड़े-बड़े समारोह में भाग ले चुकी हैं और उन्हें कई पुरस्कारों से नावाजा जा चुका है.

जया किशोरी ने अपनी स्कूली पढ़ाई कोलकाता के महादेवी बिडला वर्ल्ड एकेडमी से की जिसके बाद उन्होंने बी.कॉम किया