Vat Savitri Vrat 2025 : कब है वट सावित्री व्रत? जानें सही तिथि और पूजा विधि

Vat Savitri Vrat 2025 : नई दिल्ली: सनातन धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व है, जो सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, वैवाहिक सुख और समृद्धि के लिए रखती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को विधि-विधान से करने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है और दांपत्य जीवन में प्रेम व खुशहाली बनी रहती है।
Vat Savitri Vrat 2025 : पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा अश्वपति की पुत्री सावित्री ने अपने पति सत्यवान की रक्षा के लिए यह व्रत रखा था, जिसके बाद से यह परंपरा प्रचलित है। यह व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या को मनाया जाता है, जिसे बड़मावस, बरगदाही या वट अमावस्या भी कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 2025 में ज्येष्ठ अमावस्या 26 मई को दोपहर 12:11 बजे शुरू होकर 27 मई को सुबह 8:31 बजे समाप्त होगी, इसलिए वट सावित्री व्रत 26 मई 2025 (सोमवार) को रखा जाएगा।
Vat Savitri Vrat 2025 : व्रत के दिन महिलाएं ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं, श्रृंगार कर वट वृक्ष के नीचे पूजा करती हैं, धूप-दीप जलाती हैं, वृक्ष की सात परिक्रमा करती हैं, व्रत कथा सुनती हैं, और भगवान को भोग लगाकर दान करती हैं।
Vat Savitri Vrat 2025 : धार्मिक विश्वास के अनुसार, वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है, और इस व्रत से दांपत्य जीवन में सुख-शांति, संतान सुख और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह व्रत न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि पति-पत्नी के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक भी है।