मुंबई में फरवरी की असामान्य गर्मी, IMD ने जारी किया येलो अलर्ट

मुंबई में इस फरवरी असामान्य गर्मी का दौर शुरू होने जा रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार और बुधवार के लिए शहर और आसपास के इलाकों में येलो अलर्ट जारी किया है। तापमान 37-38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जो सामान्य से करीब 5 डिग्री ज्यादा है। इस गर्मी से मुंबई के पानी के भंडार पर भी दबाव बढ़ रहा है, क्योंकि तेजी से वाष्पीकरण के कारण झीलों का जलस्तर कम होने का खतरा मंडरा रहा है।
IMD का अलर्ट: मुंबई में हीटवेव की चेतावनी
IMD मुंबई के अनुसार, "आज और कल के लिए मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में हीटवेव का येलो अलर्ट जारी किया गया है। अधिकतम तापमान 37-38 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है, जो फरवरी के औसत तापमान से 5 डिग्री अधिक है।" मौसम वैज्ञानिकों ने उत्तर-पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान में अगले चार दिनों तक 3-5 डिग्री की बढ़ोतरी और फिर हल्की गिरावट की भविष्यवाणी की है। वहीं, मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान दो डिग्री बढ़ने के बाद 3-5 डिग्री तक कम हो सकता है। मध्य भारत और गुजरात में आज तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा, लेकिन आने वाले दिनों में 2-3 डिग्री की बढ़ोतरी संभव है। इसके अलावा, कोंकण, गोवा और तटीय कर्नाटक के कुछ इलाकों में 28 फरवरी तक गर्म और उमस भरी स्थिति रहने का अनुमान है।
मुंबई के जल भंडार पर संकट
पिछले एक हफ्ते से सामान्य से ज्यादा तापमान का सामना कर रहे मुंबई में अधिकारियों को डर है कि लंबे समय तक गर्मी चलने से झीलों का पानी तेजी से सूख सकता है। 'द इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक, सोमवार तक मुंबई की सात झीलों में कुल क्षमता का 51.12% पानी बचा था। अगर तापमान इसी तरह ऊंचा रहा तो यह स्टॉक तेजी से घट सकता है। एक नगर निगम अधिकारी ने बताया, "गर्मी बढ़ने से पानी का वाष्पीकरण तेज हो रहा है। पिछले साल भी ऐसी स्थिति में मई में पानी की कटौती करनी पड़ी थी।" फिलहाल पानी कटौती का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) का हाइड्रोलिक विभाग अभी कोई प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव नहीं लाया है। हर 1% जलस्तर गिरने का मतलब शहर के लिए 2-3 दिन की पानी की सप्लाई कम होना है। मौजूदा भंडार से मुंबई चार महीने तक चल सकती है, लेकिन मानसून आमतौर पर 10-15 जून से शुरू होता है और झीलों के क्षेत्रों में अच्छी बारिश बाद में होती है। पिछले साल मानसून में देरी के कारण BMC को रिजर्व स्टॉक इस्तेमाल करना पड़ा था, जो जुलाई में भारी बारिश के बाद फिर भर गया।