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केंद्रीय बजट 2025, विदेशी सहायता में भूटान सबसे ऊपर, ईरान के चाबहार को भी आबंटन

केंद्रीय बजट 2025

केंद्रीय बजट 2025: विदेश मंत्रालय को 20,516 करोड़ रुपये आवंटित, 'पड़ोसी पहले' नीति पर जोर

केंद्रीय बजट 2025: विदेश मंत्रालय को 20,516 करोड़ रुपये आवंटित, 'पड़ोसी देशों को प्राथमिकता' नीति पर जोर

केंद्रीय बजट 2025-26 में विदेश मंत्रालय (MEA) को 20,516 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान 25,277 करोड़ रुपये से कम है, लेकिन पिछले वर्ष के बजट अनुमान 22,154 करोड़ रुपये की तुलना में 15.45% की वृद्धि दर्शाता है।

इस बजट में भारत की 'पड़ोसी देशों को प्राथमिकता' (Neighbourhood First) नीति पर विशेष ध्यान दिया गया है।

पड़ोसी देशों को मिली प्रमुख राशि

विदेश मंत्रालय ने पड़ोसी देशों के लिए 4,320 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो कुल योजना पोर्टफोलियो का 64% है। यह राशि बड़े बुनियादी ढांचा परियोजनाओं जैसे जलविद्युत संयंत्र, बिजली संचरण लाइन, आवास, सड़क, पुल और एकीकृत चेक-पोस्ट के लिए उपयोग की जाएगी।

भूटान भारत का सबसे बड़ा विदेशी सहायता प्राप्तकर्ता बना हुआ है। 2025-26 के लिए भूटान को 2,150 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले वर्ष के बजट अनुमान 2,068 करोड़ रुपये से अधिक है। हालांकि, यह पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान 2,543 करोड़ रुपये से कम है।

मालदीव को 600 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले वर्ष के बजट अनुमान 400 करोड़ रुपये और संशोधित अनुमान 470 करोड़ रुपये से अधिक है। यह कदम मालदीव के साथ संबंधों को सुधारने की दिशा में उठाया गया है।

अफगानिस्तान को 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले वर्ष के बजट अनुमान 200 करोड़ रुपये से कम है, लेकिन संशोधित अनुमान 50 करोड़ रुपये से अधिक है।

म्यांमार को 350 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले वर्ष के बजट अनुमान 250 करोड़ रुपये से अधिक है, लेकिन संशोधित अनुमान 400 करोड़ रुपये से कम है।

नेपाल को 700 करोड़ रुपये का आवंटन पिछले वर्ष के समान ही रखा गया है।

श्रीलंका को 300 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले वर्ष के बजट अनुमान 245 करोड़ रुपये से अधिक है।

बांग्लादेश को 120 करोड़ रुपये का आवंटन पिछले वर्ष के समान ही रखा गया है।

अन्य देशों को सहायता

अफ्रीकी देशों को 225 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले वर्ष के 200 करोड़ रुपये से अधिक है।

लैटिन अमेरिका को 60 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले वर्ष के 90 करोड़ रुपये से कम है, लेकिन प्रारंभिक बजट अनुमान 30 करोड़ रुपये से अधिक है।

ईरान में चाबहार बंदरगाह के लिए 100 करोड़ रुपये का आवंटन पिछले वर्ष के समान ही रखा गया है।

आपदा राहत और सांस्कृतिक कूटनीति

आपदा राहत के लिए आवंटन 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 64 करोड़ रुपये कर दिया गया है। भारत ने हाल के वर्षों में तुर्की, लाओस और वियतनाम जैसे देशों में आपदा राहत कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई है।

भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) को 351 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले वर्ष के 331 करोड़ रुपये से अधिक है। अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए 1,247 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

 

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