सूअर के लिए लगाया था ट्रैप, बाघ फंसा, हुई उसकी मौत

उमरिया जिले में बाघ की मौत 'इलेक्ट्रिक ट्रैप' में फंसने से
उमरिया जिले में बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य (बीटीआर) के बफर जोन में बृहस्पतिवार को एक वयस्क बाघ की मौत 'इलेक्ट्रिक ट्रैप' में फंसकर हो गई। मृत बाघ को नदी के किनारे दबा हुआ पाया गया।
इस घटना की जानकारी वन विभाग के एक अधिकारी ने दी। बीटीआर के क्षेत्रीय निदेशक अनुपम सहाय ने फोन पर 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि पनपथा वनक्षेत्र में जंगली सूअर का शिकार करने के लिए रामचरण कोल और पांडु कोल नाम के दो लोगों ने बिजली के करंट वाले तार बिछाए थे, जिसमें बाघ फंस गया और उसकी मौत हो गई।
सहाय ने आगे बताया कि बाघ के सड़े हुए शरीर के सभी अंग बरकरार थे, जिससे पता चलता है कि बाघ का निशाना नहीं था। अधिकारियों के अनुसार, बाघ की मौत तीन से चार दिन पहले हुई थी और डर के कारण दोनों लोगों ने मृत बाघ को सुखदास गांव के पास भदर नदी के किनारे दफना दिया था। रामचरण कोल और पांडु कोल को इस घटना के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया गया है।