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कल 23 सितंबर को घटेगी ये घटना, शरद ऋतु की भी होगी शुरुआत, जानें दिन-रात का खेल

Representation of the Autumnal Equinox, where the sun is directly above the Earth's equator, creating nearly equal day and night durations across the Northern and Southern Hemispheres.

नई दिल्ली: हर साल 23 सितंबर को एक बड़ी खगोलीय घटना घटित होती है जिसे शरद विषुव (Autumnal Equinox) के नाम से जाना जाता है। इस दिन पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में दिन और रात की अवधि लगभग एक समान होती है, यानी दोनों 12 घंटे के करीब होते हैं। इसका कारण यह है कि 23 सितंबर को सूर्य ठीक पृथ्वी के विषुवत रेखा (Equator) के ऊपर होता है।

दिन और रात होंगे एक सामान
यह घटना साल में दो बार घटती है, पहली बार वसंत ऋतु में और दूसरी बार शरद ऋतु की शुरुआत में। इस साल 23 सितंबर को सूर्य दक्षिणी गोलार्ध में प्रवेश करेगा और तुला राशि में स्थित होगा, जिससे उत्तरी गोलार्ध में दिन छोटे और रातें लंबी होने लगेंगी। शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. आरपी गुप्ता के अनुसार, यह प्रक्रिया 21 दिसंबर तक चलेगी, जब दिन सबसे छोटा और रात सबसे लंबी होगी।

शरद ऋतु की शुरुआत 
23 सितंबर के साथ ही शरद ऋतु की शुरुआत भी मानी जाती है। उत्तरी गोलार्ध में सूर्य की किरणों की तीव्रता घटने लगती है, जिसके चलते दिन छोटे होते जाते हैं, जबकि दक्षिणी गोलार्ध में गर्मियों का आगमन होता है। यह बदलाव पृथ्वी के झुके हुए अक्ष और सूर्य के चारों ओर उसकी परिक्रमा के कारण होता है।

चंद्रमा और बृहस्पति आजु बाजू आएंगे नजर 
जानकारी हो कि, 23 सितंबर को को भी महत्वपूर्व खगोलीय घटना घटने वाली है। दरअसल कल यानी 23 सितंबर को रात 11 बजे के बाद चंद्रमा और बृहस्पति ग्रह की युति देखने को मिलेगी। खगोल विज्ञान प्रेमियों के लिए यह एक अद्भुत दृश्य होगा, आप इस घटना को बिना किसी विशेष दूरबीन या उपकरण के भी देख सकते है। जो चंद्रमा के नीचे बृहस्पति ग्रह चमकता हुआ दिखाई देगा। इस अद्भुत खगोलीय घटना के साथ, शरद ऋतु के आगमन और दिन-रात के संतुलन का अनुभव पूरे दुनिया में किया जाएगा।

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