नई दिल्ली : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट से एक अनोखा मामला प्रकाश में आया है, यहाँ एक महिला ने कोर्ट से मांग की है कि उनके पति को एक महीने के लिए बेल पर रिहा किया जाये ताकि वो गर्भवती हो सके. और अपना वंश आगे बढ़ा सके. एम पी हाई कोर्ट ने महिला की मेडिकल जांच के लिए आदेश दे दिए है. इससे यह जान सके की महिला माँ बन सकती है या नहीं. महिला का पति इस समय इंदौर की सेंट्रल जेल में कैद है. महिला ने याचिका दाखिल कर कोर्ट से पति को एक महीने के लिए रिहा करने की गुहार लगाई है.
बता दें कि एक महिला ने कोर्ट में याचिका दायर की है ताकि उसके पति को एक महीने के लिए जेल से रिहा करवा सकते और वे दोनों माता पिता बन सके. महिला ने संतान प्राप्ति को अपना ‘मौलिक अधिकार’ बताया है. याचिका पर सुनवाई कर जस्टिस विवेक अग्रवाल की पीठ ने मेडिकल कॉलेज के डीन को विशेषज्ञ डॉक्टर की एक टीम गठित करने का निर्देश दिया है. ताकि डॉक्टर्स की टीम जांच कर सके की महिला गर्भधारण कर सकती है या नहीं. मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर को होगी.
महिला के वकील ने राजस्थान हाईकोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि, संतान पैदा करने का अधिकार एक मौलिक अधिकार है. उन्होंने कैदियों के वैवाहिक अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का भी हवाला दिया और कहा कि याचिकाकर्ता को भी अपने पति से बच्चा पैदा करने का मौका दिया जाना चाहिए. कोर्ट ने एक मेडिकल टीम को महिला का परीक्षण करने को कहा है. टीम 15 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश करेगी.