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एंबुलेंस कर्मियों की सूझबूझ ने प्रसूता और नवजातों को दिया नया जीवन, एंबुलेंस में ही 202 नवजातों का हुआ जन्म

रायपुर: संस्थागत प्रसव को सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने के हर संभव प्रयत्न के क्रम में महतारी एक्सप्रेस 102 एंबुलेंस सेवा में ना सिर्फ प्रसूता को अस्पताल और अस्पताल से घर लेने की सुविधा दी जा रही है बल्कि एंबुलेंस कर्मियों की सूझबूझ और प्रशिक्षण से जच्चा और बच्चा को नई जिंदगी भी मिल रही है ।

बीते एक वर्ष ( अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक ) में एंबुलेंस कर्मियों की बदौलत महतारी 102 एंबुलेंस में ही 202 नवजातों का जन्म हुआ और जच्चा और बच्चा के जीवन की रक्षा भी हुई । एंबुलेंस कर्मियों ने बचाई जच्चा और बच्चा की जान- सितंबर 2021 को अंबिकापुर जिले के चंदुरा से 102 कॉल सेंटर पर कॉल आया । उस समय ड्यूटी पर ईएमटी ज्ञान प्रकाश थे ।

वह फौरन प्रसव पीड़ित महिला को एंबुलेंस में उप स्वास्थ्य केन्द्र चंदुरा के लिए लेकर रवाना हुए । प्रसूता महिला को रास्ते में ही अत्यधिक प्रसव पीड़ा होने लगी तो प्रसव एंबुलेंस में ही करवाना पड़ा । सुरक्षित प्रसव के पश्चात महिला और बच्चे की स्थिति ठीक थी और उन्हें 102 महतारी एंबुलेंस कि सहायता से उप स्वास्थ्य केंद्र चंदुरा में भर्ती कराया गया ।

सकुशल अस्पताल पहुंचाना कड़ी चुनौती महासमुंद के विकास कुमार ने बताया : जब से प्रसूताओं के लिए यह सेवा शुरू की गई तब से मैं 102 महतारी एक्सप्रेस एंबुलेंस में ईएमटी ( इमरजेंसी मेडिकल टेक्निशियन ) के रूप में सेवाएं दे रहा हूं । हमें जच्चा और बच्चा के स्वास्थ्य और देखभाल करना , इमरजेंसी सेवाओं ( प्रसव भी ) का छह माह का प्रशिक्षण मिला है । इसलिए आपात स्थिति में प्रसव पीड़ा से ग्रसित प्रसूताओं की डिलीवरी कराने में परेशानी नहीं होती है । मगर नवजात की स्थिति कई बार गंभीर होती है , ऐसे में उन्हें सकुशल अस्पताल तक पहुंचाना हमारे लिए कड़ी चुनौती होती है ।

नहीं धमतरी के हरिनारायण ने बताया ” 8 वर्षों से मैं ईएमटी ( इमरजेंसी मेडिकल टेक्निशियन के रूप में सेवाएं दे रहा हूँ । हमे सबसे ज्यादा परेशानी रेफरल केस ( गंभीर स्थिति में छोटे अस्पताल से बड़े अस्पताल में केस को भेजने में होती है , क्योंकि हाईरिस्क डिलीवरी जैसे बच्चे कानाल गले में फंस जानाका कोरोना संक्रमित होना आदि की वजह से आपत स्थिति मैं प्रसव कराना , जच्चा और बच्चा को बचाना कठिन होता है ।

इस दौरान हमने जो सीखा है उसकी मदद से हम प्रसन कराते हैं और सकुशल जच्चा और बच्चा को अस्पताल पहुंचाते है बढ़ा ] विश्वास स्वास्थ्य सेवाओं का मिल रहा लाभग्राम चंदुरा की 22 वर्षीय सलवंती एवं विद्यासागर गांव की तुलसी ने बताया सरकारी सेवाओं विशेषकर एंबुलेंस 102 सेवा पर उन्हें पहले विश्वास नहीं होता था । लेकिन प्रसव पीड़ा के दौरान एंबुलेंस कर्मियों की सूझबूझ और अथक प्रयास से उन्हें जीवन दान मिला है ।

इस संबंध में 102 महतारी एक्सप्रेस के जन संपर्क अधिकारी , शिबू कुमार ने बताया 23 अगस्त 2013 से गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैय्या कराने के लिए 102 महत्वारी एक्सप्रेस सेवा शुरू हुई । वर्तमान में प्रदेश के 28 जिलों में 324 एंबुलेंस के माध्यम से सेवाएं दी जा रही है । 102 महतारी एक्सप्रेस कॉल सेंटर में ( 102 इथल कर ) सेवा का लाभ लिया जा सकता है ।

सप्ताह के सातों दिन और 24 घंटे हितमाहियों को सेवा उपलब्ध कराई जाती है । सुदूर ग्रामीण क्षेत्र हो या फिर शहरी क्षेत्र एंबुलेंस कर्मी पूरी तरह अपनी ड्यूटी कर रहे हैं । किसी भी प्रकार की प्रसन संबंधी सहायता प्रसन पूर्व जांच के लिए 102 महतारी एक्सप्रेस सेवा का लाभ 102 टोल फ्री नंबर पर कॉल करके लिया जा सकता है । कोरीता काल में भी जब लोग घर से निकलने से डर रहे थे तब भी महतारी एक्सप्रेस 102 के कर्मचारी गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने का कार्य कर रहे थे । उनके द्वारा संक्रमित गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को भी उपचार के लिए अस्पताल तक पहुंचाया गया है।

एक वर्ष में 202 नवजातों का जन्म एंबुलेंस में अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के दौरान प्रदेश में 202 जी का जन्म अस्पताल जाने के क्रम में एंबुलेंस में ही हुआ है । इनमें सर्वाधिक 20 प्रसन बेमेतरा जिले के है । इसके अलावा कबीरधाम से में 17. रायगढ़ में 16. राजनांदगांव में 15. बिलासपुर में 12 दुर्ग में 11 , महासमुंद में 10 बलौदाबाजार में 9. बलरामपुर में 8 , बालोद में 7 , गौरला पेन्ड्रा मरवाही , बस्तर और कोरिया में क्रमश : 6-6 सुकमा , मुंगेली कांकेर , सुकमा और कोरबा में क्रमश : 5-5 , बस्तर दंतेवाड़ , जांजगीर – चांपा और नारायणपुर में क्रमश : 44 , कोडागांव में 3 तथा गरियाबंद सरगुजा में क्रमश 2-2 प्रभात शामिल है ।