अमेरिका से 119 अवैध भारतीय प्रवासियों का विमान 15 फरवरी को अमृतसर पहुंचने जा रहा, दूसरी उड़ान 16 तारीख को

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एक अमेरिकी विमान जिसमें 119 अवैध भारतीय प्रवासी सवार हैं, 15 फरवरी को रात 10 बजे अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरने वाला है। यह डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा वापस भेजे गए प्रवासियों का दूसरा बैच है, जिसने पिछले महीने अवैध प्रवास पर सख्ती लागू करना शुरू कर दिया है।
प्रवासियों का विवरण
इन 119 प्रवासियों में से 67 पंजाब से, 33 हरियाणा से, 8 गुजरात से, 3 उत्तर प्रदेश से, 2-2 गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान से, और 1-1 हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से हैं। 16 फरवरी को एक और विमान अधिक प्रवासियों के साथ पहुंचने की उम्मीद है।
पहली उड़ान में 104 प्रवासी
यह विकास कुछ ही दिनों बाद आया है, जब 5 फरवरी को एक अमेरिकी सैन्य विमान ने 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को अमृतसर लाया था। इनमें से अधिकांश पंजाब से थे, जिन्होंने बेहतर भविष्य की खोज में अवैध रूप से अमेरिका पहुंचने का प्रयास किया था, लेकिन उन्हें अमेरिकी सीमा पर पकड़ लिया गया और बेड़ियों में बांधकर वापस भेज दिया गया।
ट्रंप प्रशासन की कड़ी नीति
डॉनल्ड ट्रंप के प्रशासन ने अवैध प्रवास पर अत्यधिक कड़ी नीति लागू की है। कई प्रवासी, विशेष रूप से पंजाब से, "डॉन्की रूट" (खतरनाक और महंगे अवैध मार्ग) का इस्तेमाल करके अमेरिका पहुंचने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अब उन्हें वापस भेज दिया जा रहा है।
पंजाब सरकार की आलोचना
पंजाब सरकार ने इन वापसी कार्यवाहियों पर चिंता व्यक्त की है। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने प्रश्न उठाया कि ऐसे विमान क्यों सिर्फ अमृतसर पर उतरते हैं और गुजरात, हरियाणा या दिल्ली जैसे अन्य राज्यों में नहीं। इसके अलावा, राज्य सरकार ने अवैध मानव तस्करी नेटवर्क की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित की है। अब तक प्रवासियों के बयानों के आधार पर 10 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें धोखाधड़ीपूर्वक प्रवास करवाने वाले एजेंटों के खिलाफ मामले शामिल हैं।
हथकड़ियों में बंधे प्रवासियों पर आलोचना
पहली उड़ान में आने वाले 104 प्रवासियों के हथकड़ियों और बेड़ियों में बंधे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिससे सरकार और विपक्षी नेताओं पर आलोचना का तूफान आया। सीनियर कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने राज्यसभा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर से पूछा कि क्या उन्होंने अमेरिकी राज्य सचिव मार्को रुबियो से मिलते समय इस मुद्दे पर चर्चा की थी। उन्होंने कहा, "क्या जयशंकर ने 2012 से चल रहे मानक प्रक्रिया (SOP) पर सवाल उठाया? अगर उन्हें पता था, तो क्या उन्होंने अमेरिका की नीति के खिलाफ प्रतिवाद किया?"
विपक्ष की प्रतिक्रिया
चिदंबरम ने आगे कहा कि अगर विदेश मंत्रालय को पहले से पता था, तो क्या उन्होंने भारतीय नागरिकों को लाने के लिए भारतीय विमान भेजने का प्रस्ताव रखा? इस पर सरकारी ओर से नेता जे.पी. नड्डा ने प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने यह सवाल उठाया कि UPA के समय में ऐसे मामलों पर क्यों आलोचना नहीं की गई।