नई दिल्ली। Tata Motors Singur Plant: पश्चिम बंगाल में टाटा मोटर्स के सिंगूर में नैनो कार प्लांट का विरोध करना मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भारी पड़ गया है। तीन सदस्यीय मध्यस्थ न्यायाधिकरण यानि आरबीट्रल ट्रिब्यूनल ने टाटा मोटर्स के हक में ये फैसला सुनाया है। ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में कहा है कि पश्चिम बंगाल के सिंगूर में लखटकिया कार नैनो की मैन्युफैक्चरिंग के लिए लगाए गए प्लांट के बंद होने के बाद निवेश पर हुए नुकसान के तौर पर ब्याज के साथ 766 करोड़ रुपए मिलेंगे।
Tata Motors Singur Plant: टाटा मोटर्स ने रेग्यूलेटरी फाइलिंग में बताया कि टाटा मोटर्स (Tata Motors Limited) लिमिटेड और पश्चिम बंगाल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (WBIDC) के बीच सिंगूर में ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट पर किए गए निवेश पर पूंजी के नुकसान को लेकर डब्ल्युबीआईडीसी से टाटा मोटर्स के मुआवजा के क्लेम को लेकर मध्यस्थ न्यायाधिकरण मध्यस्थ न्यायाधिकरण में चल रही सुनवाई चल रही थी. चीन सदस्यीय मध्यस्थ न्यायाधिकरण ने 30 अक्टूबर, 2023 को सर्वसम्मति के साथ टाटा मोटर्स लिमिटेड के हक में फैसला सुनाया है।
Tata Motors Singur Plant: ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में कहा कि टाटा मोटर्स एक सितंबर 2016 से सलाना 11 फीसदी ब्याज के साथ 765.78 करोड़ रुपए की रिकवरी पश्चिम बंगाल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड से कर सकती है। टाटा मोटर्स ने कहा कि इस सुनवाई पर हुए 1 करोड़ रुपए के खर्च की भी वसूली करने का ट्राईब्यूनल ने आदेश दिया है। मध्यस्थ न्यायाधिकरण के इस फैसले के साथ मध्यस्थता को लेकर चल रही सुनवाई अब खत्म हो गई है।
Tata Motors Singur Plant: जानें पूरा मामला
दरअसल पश्चिम बंगाल की सीपीएम सरकार ने टाटा मोटर्स को लखटकिया कार नैनो बनाने के लिए सिंगूर में 1000 एकड़ खेती वाली जमीन अलॉट किया था। जिसपर टाटा मोटर्स ने कार बनाने के लिए प्लांट पर निवेश भी किया था। लेकिन, इस आवंटन का भारी राजनीतिक विरोध हुआ है जिसकी अगुवाई राज्य की मौजूदा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया था। किसानों ने भी जमीन अलॉटमेंट का विरोध किया। इस विरोध के चलते टाटा मोटर्स ने लखटकिया कार के प्लांट लगाने के फैसले को रद्द कर दिया। टाटा मोटर्स ने बाद में गुजरात के साणंद में नैनो कार प्लांट को लगाया।