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Super Moon 2022 : आसमान में 13 जुलाई को दिखेगा साल का सबसे बड़ा ‘सुपर मून’, धरती पर घटेंगी ये घटनाएं,जानिए

नई दिल्ली। आप ने अबतक चंद्र ग्रहण के बारे म सुना और देखा होगा लेकिन क्या आप ने कभी सुपर मून के बारे में सुना है यदि नहीं तो हम आपको बताते है सुपर मून के बारे में जी हाँ एस्ट्रोनॉमी वर्ल्ड में इस सप्ताह एक बेहद ही दुर्लभ घटना घटने जा रही है। 13 जुलाई को चांद पृथ्वी के सबसे करीब आ जाएगा। जिसके बाद आसमान में सुपरमून देखने को मिलेगा। इस दिन चांद पृथ्वी से सिर्फ 3,57,264 किलोमीटर दूर होगा। दुनिया के कई शहरों में ‘सुपर मून’ का अद्भुत नजारा दिखाई देगा। बुधवार को पूर्णिमा भी है। इससे पहले 14 जून को वट पूर्णिमा के मौके पर चांद अपनी कक्षा में धरती के बेहद करीब था। जिससे इसका आकार सामान्य से काफी बड़ा देखने को मिला था।

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आपको बता दें 13 जुलाई दिखने वाला सुपर मून साल का सबसे बड़ा सुपर मून होगा। इसे ‘बक मून’ भी कहा जाता है। समय और तिथि के अनुसार, वर्ष के इस समय के आसपास हिरन के माथे से निकलने वाले सींगों के कारण पूर्णिमा को ‘बक मून’ नाम दिया गया है। दुनिया भर में इसे कई अन्य नामों जैसे थंडर मून, हे मून और विर्ट मून नाम से भी जाना जाता है। मूल अमेरिकी इसे सैल्मन मून, रास्पबेरी मून और कैलमिंग मून भी कहते हैं।

वहीं बक सुपर मून 13 जुलाई की रात 12:07 बजे दिखाई देगा। इसके बाद यह एक साल बाद यानि 3 जुलाई, 2023 को दिखाई देगा। साल का आखिरी सुपरमून इस साल जून में देखा गया था, जिसे स्ट्रॉबेरी मून के नाम से जाना जाता है। उस समय चंद्रमा पृथ्वी से 3,63,300 किलोमीटर दूर था।

इसके साथ ही आपको बता दें सुपरमून का पृथ्वी पर ज्वारीय प्रभाव हो सकता है। जिसके चलते उच्च और निम्न महासागरीय ज्वार की एक बड़ी श्रृंखला उत्पन्न होने की संभावना जताई जा रही है। खगोलविदों को उम्मीद है कि इस समय के आसपास समुद्र में तटीय इलाकों में हाई टाइड के चलते बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। धरती से चांद की दूरी उस वक्त 3 लाख 57 हजार 2 सौ 64 किमी होगी। इस सुपर मून को शाम के समय आसमान में दक्षिण पूर्वी दिशा में देखा जा सकेगा।

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ये तो बात होगई सुपरमून के आने की अब आपके मन में उठ रहा होगा की आखिर ये है क्या तो हम बता दें सुपरमून का पृथ्वी पर ज्वारीय प्रभाव हो सकता है। जिसके चलते उच्च और निम्न महासागरीय ज्वार की एक बड़ी श्रृंखला उत्पन्न होने की संभावना जताई जा रही है। खगोलविदों को उम्मीद है कि इस समय के आसपास समुद्र में तटीय इलाकों में हाई टाइड के चलते बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। धरती से चांद की दूरी उस वक्त 3 लाख 57 हजार 2 सौ 64 किमी होगी। इस सुपर मून को शाम के समय आसमान में दक्षिण पूर्वी दिशा में देखा जा सकेगा।