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राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सवः जानिए क्या कहा झारखंड के मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने

रायपुर। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आदिवासी नृत्य महोत्सव में भले ही अलग-अलग प्रांत, देश के लोग आए हैं लेकिन उन सभी ने केवल अनेकता में एकता का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में 42 प्रकार की जनजातियां निवास करती हैं।
उद्घाटन सत्र के दौरान उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 2019 में आदिवासी नृत्य महोत्सव की शुरुआत हुई थी। पिछले कोरोना की महामारी के चलते इस कार्यक्रम को कर पाना संभव नहीं था। इस वक्त कोरोना महामारी कुछ हद तक नियंत्रण में है तो मंत्रिमंडल के साथियों के साथ सरकार ने इस कार्यक्रम को फिर से करने का निर्णय लिया। तीन दिनों तक इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इन कार्यक्रमों के बीच भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और सरदार वल्लभ भाई पटेल की याद में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

एकता की झलक दिखाई देती है

उन्होंने कहा कि महोत्सव के दौरान अलग-अलग प्रांत के अलग-अलग देशों के लोग अपनी प्रस्तुति देने आते हैं। ऐसे में ये संदेश देते हैं कि भले ही हमारी भाषा अलग हो, हमारी संस्कृति अलग हो लेकिन फिर हम सब एक हैं। ऐसे आयोजनों से हमें इन संस्कृतियों के और करीब जाने का और उन्हें समझने का मौका मिलता है।

यह नृत्य महोत्सव नहीं एक संवाद है- सोरेन

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस अवसर पर कहा कि ये अपने-आप में अलग कार्यक्रम है। कोरोना के कारण यह नहीं हो पाया था, आज जब कोरोना ठीक हो रहा है और अर्थव्यवस्था पटरी पर आ रही है तो इस कार्यक्रम की उपयोगिता और भी बढ़ जाती है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि ये नृत्य महोत्सव नहीं एक संवाद है। ये संवाद ऐसे वर्गों का जो सदियों से अलग-थलग पड़ा हुआ है। जो बरसों से शैक्षणिक, आर्थिक गतिविधियों से पिछड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि नृत्य महोत्सव एक संदेश देता है कि हम चाहे तो इस तस्वीर को बदल सकते हैं। क्योंकि अक्सर इस बारे में बातें तो बड़ी-बड़ी होती हैं, मंत्री बनाए जाते हैं विभाग बनाए जाते हैं लेकिन धरातल पर काम नहीं हो पाता। उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि आपके इस प्रयास से आदिवासियों की तस्वीर बदल सकती है। उन्होंने कहा कि मैं भी आदिवासी समुदाय से आता हूं मैं जानता हूं कि मैंने यहां तक का सफ कैसे पूरा किया है। ये ऐसा आयोजन है कि अगर मैं मुख्यमंत्री नहीं होता तो भी इसमें भाग लेने जरूर आता है।