किन्नर समुदाय की सोनू उरांव बनीं सरपंच, दो बार हार का भी किया है सामना

छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की गई है। ग्राम पंचायत चनवारीडांड़ से थर्ड जेंडर सोनू उरांव ने सरपंच पद पर जीत हासिल कर नया इतिहास रच दिया है। सोनू ने पूर्व सरपंच गौरी सिंह को हराकर यह जीत दर्ज की है। किन्नर समुदाय के लिए यह जीत न केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि समाज में उनकी बढ़ती स्वीकार्यता और राजनीतिक भागीदारी का प्रतीक भी है। सोनू उरांव ने अपनी जीत पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह केवल उनकी नहीं, बल्कि पूरे ग्राम पंचायत चनवारीडांड़ की जनता की जीत है।
सोनू उरांव का राजनीतिक सफर: सोनू उरांव ने यह पहला मौका नहीं था जब वे चुनावी मैदान में उतरीं। 2013 में उन्होंने मनेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक का चुनाव लड़ा था। इसके अलावा, पिछले पंचायत चुनाव में भी उन्होंने सरपंच पद के लिए प्रयास किया था। हालांकि, उन्हें दोनों ही चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन सोनू ने हार नहीं मानी और इस बार फिर से चुनाव लड़कर सफलता हासिल की।
चुनावी मैदान में पांच प्रत्याशी: इस चुनाव में पांच प्रत्याशी मैदान में थे, जिनमें दो पूर्व सरपंच भी शामिल थीं। लेकिन सोनू उरांव ने सभी को पीछे छोड़ते हुए जीत हासिल की।
सोनू उरांव की प्रमुख योजनाएं: सोनू ने अपने कार्यकाल के दौरान ग्राम पंचायत चनवारीडांड़ को सुंदर और विकसित बनाने का वादा किया है। उनकी प्रमुख योजनाओं में शामिल हैं: - युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना। - शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाना। - गांववासियों की समस्याओं का समाधान कराना।
जनता का आभार और भविष्य की योजनाएं: सोनू उरांव ने चनवारीडांड़ की जनता के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि वह अपने कार्यों से ग्राम पंचायत को एक आदर्श पंचायत में बदलने की दिशा में प्रयासरत रहेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि जनता ने उन पर जो भरोसा जताया है, उसे वे पूरी ईमानदारी और मेहनत से निभाएंगी।
किन्नर समुदाय की बढ़ती भागीदारी: किन्नर समुदाय को अक्सर शादियों, जन्मोत्सव और त्योहारों पर नाचने-गाने और आशीर्वाद देने का कार्य करते देखा जाता है। लेकिन अब यह समुदाय राजनीति में भी अपनी भागीदारी बढ़ा रहा है।