Silk Smita: 17 साल का करियर, 450 फिल्में: नशीली आंखों वाली इस अदाकारा की मौत का रहस्य आज भी अनसुलझा
- Sanjay Sahu
- 23 Sep, 2024
Silk Smita: 17 साल का करियर, 450 फिल्में: नशीली आंखों वाली इस अदाकारा की मौत का रहस्य आज भी अनसुलझा
Silk Smita: गरीबी के कारण स्मिता को चौथी कक्षा में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी. उनका असली नाम विजयलक्ष्मी था. आंध्र प्रदेश के एलुरु की रहने वाली विजयलक्ष्मी बाद में उस समय दक्षिण भारतीय सिनेमा के केंद्र चेन्नई के कोडंबाकम आ गईं. 1978 में कन्नड़ फिल्म 'बेदी' से उन्होंने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत की. 1979 में आई तमिल फिल्म 'वंडी चक्र' में सिल्क का किरदार निभाकर उन्हें बड़ी पहचान मिली. इसके बाद सिल्क स्मिता की मौजूदगी फिल्मों के लिए न्यूनतम गारंटी बन गई.
Silk Smita: सुपरस्टार्स की फिल्मों में भी सिल्क स्मिता एक अभिन्न अंग बन गईं. यहां तक कि एक गाने में भी दिखाई देने के लिए, सिल्क स्मिता ने उस समय संबंधित फिल्मों की हीरोइनों से ज्यादा फीस ली थी. डेढ़ दशक तक सिल्क भारतीय सिनेमा की इतनी प्रिय अभिनेत्री रहीं. अपने आकर्षक शरीर और नशीली आँखों से सिल्वर स्क्रीन पर आग लगाने वाली स्मिता ने 17 साल के अपने करियर में 450 से ज्यादा फिल्मों में काम किया.
Silk Smita: उस समय किसी भी अन्य स्टार के पास इतने प्रशंसक नहीं थे. आखिरकार, जब उन्होंने आत्महत्या कर ली, तो उनके पार्थिव शरीर के पास कोई नहीं था. वह सिर्फ छत्तीस साल की थीं. 23 सितंबर 1996 को कोडंबाकम स्थित अपने आवास पर स्मिता को फांसी पर लटका पाया गया. विभिन्न जांचों से आत्महत्या की पुष्टि हुई. लेकिन क्यों का बड़ा सवाल अनुत्तरित ही रहा. तब भी और आज भी.
Silk Smita: जो लोग सिल्क स्मिता की तारीखों के लिए कतार में खड़े थे और पहले दिन सिनेमाघरों में उनकी फिल्में देखने के लिए दौड़े चले आते थे, वे उन्हें आखिरी बार देखने नहीं आए. एक अनाथ लाश की तरह, उन्हें मद्रास शहर में कहीं दफना दिया गया. एक व्यक्ति और एक कलाकार के रूप में सिल्क स्मिता को सम्मान मिलने में ज्यादा समय नहीं लगा.
Silk Smita: हिंदी, कन्नड़ और मलयालम में स्मिता के जीवन पर आधारित फिल्में बनीं. दर्शकों को अब भी इस बात का जवाब नहीं मिल पाया है कि इतने सारे सपने, आकांक्षाएं और उम्मीदों से भरे उस जीवन को अचानक खत्म करने का कारण क्या था.