मां लक्ष्मी के प्रिय कमल के फूल का भोपाल में शॉर्टेज,बाजार में बिक रहे नकली फूल
- Rohit banchhor
- 31 Oct, 2024
गौरतलब है कि कमल के फूल पर विराजने वाली महालक्ष्मी की पूजा के लिए दीपावली पर कमल के पुष्प का खास महत्व है।
MP News : भोपाल। राजधानी भोपाल में दीपावली के दिन फूलों की डिमांड बढ़ गई है। फूल विक्रेताओं की दुकानों पर लक्ष्मी पूजा के साथ ही घरों की साज सज्जा के लिए फूल खरीदने ग्राहकों की भीड़ लगी हुई है। इस बीच लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए उपयोग होने वाला कमल के फूल का शॉर्टेज गहरा गया है। शहर के फूल विक्रेताओं की दुकान से कमल का फूल नदारद नजर आ रहा है। कुछ दुकानों पर अगर कमल मिल रहा है तो उसकी कीमतें सातवें आसमान पर हैं।
MP News : फूल विक्रेताओं का मानना है की लगातार बारिश होने की वजह से कमल के फूल की खेती को नुकसान पहुंचा है। इस वजह से दिवाली के मौके पर डिमांड के मुताबिक कमल उपलब्ध नहीं हो पाया, शहर के बाहर से फूल आने की वजह से उसकी कीमतें बडी हुई हैं। इस बीच सूत्रों ने बताया है कि कमल के फूल का शॉर्टेज होने के चलते कुछ दुकानों पर नकली कमल का फूल भी खपाया जा रहा हैं।
MP News : गौरतलब है कि कमल के फूल पर विराजने वाली महालक्ष्मी की पूजा के लिए दीपावली पर कमल के पुष्प का खास महत्व है। यही वजह है कि दिवाली के दिन मुख्य पूजा में कमल के फूल की विशेष मांग होती है। लेकिन इस बार मां महालक्ष्मी को अर्पित किए जाने वाले, धन और विजय के प्रतीक कमल की फूल की पैदावार भोपाल में कम हुई हैं। फुटकर में 20 से 200 रुपए तक में कमल का फूल बिक रहा हैं। मांग ज्यादा होने से दूसरे जिलों और राज्यों से कमल लाया जा गया हैं। लहारपुर तालाब में 4 लाख बीज डालने के बावजूद 17 हजार के आसपास फूलों की फसल हुई है।
MP News : इसकी वजह तालाब की सफाई नहीं होना बताया है। तालाब बहुत उथला हो गया है। वही कमल की पैदावार चिकलोद और सीहोर के तालाबों में होती है। वहां भी यही स्थिति है। चिकलोद के लोगो ने बताया कि उन्होंने नीलकमल प्रजाति के गुलाबी कमल के 4 लाख बीज डाले थे। 17 हजार ही कमल फूल की फसल हुई। वे भी छोटे साइज के हैं।
MP News : इधर, फूल विक्रेताओं का कहना है कि बाहर से आने वाले फूल बहुत ही महंगे मिल रहे हैं। पैदावार अच्छी न होने से मां लक्ष्मी को चढ़ने वाले नीलकमल की मांग ज्यादा पूर्ति कम है। दरअसल पिछले साल भोपाल में 40 से 70 हजार कमल की पैदावार हुई थी। जो इस बार घटकर आधी ही रहा गई हैं।