मुख्यमंत्री सुक्खू के लिए आए समोसे खा गए सुरक्षाकर्मी!, अब CID करेगी जांच, बीजेपी हमलावर, सोशल मीडिया पर उड़ रहा मजाक
नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए लाए गए नाश्ते की गड़बड़ी एक बड़े विवाद का रूप ले चुकी है। 21 अक्टूबर को सीएम सुक्खू ने शिमला में सीआईडी हेडक्वार्टर में साइबर विंग स्टेशन का उद्घाटन किया, जहां उनके लिए विशेष रूप से समोसे और केक का इंतजाम किया गया था। लेकिन यह नाश्ता गलती से सुरक्षा कर्मियों को परोसा गया। इस चूक के बाद सीआईडी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसे "सरकार विरोधी" कृत्य करार दिया और जांच का आदेश दिया।
जांच और अनुशासनात्मक कार्रवाई
जांच रिपोर्ट के अनुसार, सीआईडी हेडक्वार्टर में सीएम के नाश्ते का इंतजाम एक आईजी रैंक के अधिकारी के निर्देश पर किया गया था, जिसने एक सब-इंस्पेक्टर को होटल से नाश्ता लाने की जिम्मेदारी दी थी। इसके बाद सब-इंस्पेक्टर ने यह कार्य एएसआई और हेड कांस्टेबल को सौंप दिया। हालांकि, गलतफहमी के कारण नाश्ता सीएम की प्लेट तक न पहुंचकर एमटी सेक्शन में पहुंच गया, जहां इसे सीएम के सुरक्षा कर्मचारियों को परोस दिया गया। इस चूक पर डीएसपी विक्रम चौहान की अगुवाई में जांच की गई, जिसमें पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है। इनमें एक महिला इंस्पेक्टर भी शामिल हैं, जिन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। डीएसपी चौहान ने अपनी रिपोर्ट 25 अक्टूबर को आईजी (सीआईडी) को सौंप दी है।
बीजेपी ने सरकार को घेरा
इस विवाद को लेकर हिमाचल प्रदेश की विपक्षी पार्टी बीजेपी ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। बीजेपी प्रवक्ता और विधायक रणधीर शर्मा ने कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि हिमाचल प्रदेश सरकार को राज्य की जनता की समस्याओं से ज्यादा मुख्यमंत्री के भोजन की चिंता है।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार का ध्यान विकास कार्यों की ओर नहीं है और वह तुच्छ मुद्दों में उलझी हुई है। बीजेपी ने सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाते हुए इसे जनता की समस्याओं से विमुख बताया।
मुख्यमंत्री की आहार संबंधी प्राथमिकताओं को लेकर भी विवाद
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हाल ही में बीमारी से ठीक हुए मुख्यमंत्री सुक्खू तैलीय भोजन, जैसे समोसे से परहेज करते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि भोजन मंगवाने वाले अधिकारियों को मुख्यमंत्री की आहार संबंधी प्राथमिकताओं की जानकारी नहीं थी, जिससे यह गलतफहमी हुई।
समोसे और राजनीति का टकराव
इस मामूली प्रतीत होने वाले घटना ने राज्य में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। बीजेपी ने इसे सरकार के प्रशासनिक कार्यों और प्राथमिकताओं की आलोचना के लिए इस्तेमाल किया है। वहीं, अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना कर रहे पुलिसकर्मियों का कहना है कि उन्होंने निर्देशों के अनुसार कार्य किया और सद्भावना के तहत नाश्ते का वितरण किया। उन्होंने अपना अंतिम बयान डीएसपी चौहान के सामने दर्ज कराया है।