सैम पित्रोदा के बयान से फिर बवाल, भाजपा बिफर पड़ी, जबानी जंग तेज हुई

सैम पित्रोदा का बयान: भारत-चीन विवाद को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है
भारतीय ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने सोमवार को कहा कि भारत-चीन विवाद को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है और हमारे देश की दृष्टिकोण "शुरुआत से ही टकरावात्मक" रहा है। पित्रोदा ने कहा, "मुझे चीन से खतरे की समझ नहीं आती। मुझे लगता है कि इस मुद्दे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है क्योंकि अमेरिका के पास दुश्मन को परिभाषित करने की प्रवृत्ति होती है।"
जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के खतरे को नियंत्रित कर पाएंगे, तो उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि सभी देशों को सहयोग करने का समय आ गया है, न कि टकराव करने का। हमारा दृष्टिकोण शुरुआत से ही टकरावात्मक रहा है, और यह रवैया दुश्मन पैदा करता है, जो अंततः देश के भीतर समर्थन जुटाता है।"
पित्रोदा ने आगे कहा, "हमें इस मानसिकता को बदलने की आवश्यकता है और यह मानना बंद करना चाहिए कि चीन पहले दिन से ही दुश्मन है। यह न केवल चीन के लिए, बल्कि सभी के लिए अन्याय है।"
पित्रोदा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने उन पर कटाक्ष करते हुए कहा, "जिन्होंने चीन को 40,000 वर्ग किलोमीटर हमारी भूमि सौंप दी, वे अब भी ड्रैगन से कोई खतरा नहीं देखते।" सिन्हा ने कहा, "राहुल गांधी चीन के प्रति प्रभावित हैं और IMEEC की घोषणा से एक दिन पहले BRI के लिए समर्थन कर रहे थे। कांग्रेस पार्टी की चीन के प्रति जुनून का रहस्य 2008 के कांग्रेस-CCP MOU में छिपा है।"
भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने भी मीडिया से बात करते हुए कहा, "कांग्रेस पार्टी, राहुल गांधी और जॉर्ज सोरोस चीन के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। 2008 का गुप्त MOU, जो चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस पार्टी के बीच हुआ, अब तक कांग्रेस पार्टी द्वारा सार्वजनिक नहीं किया गया है।" भंडारी ने कहा, "डोकलाम के समय, राहुल गांधी चीन के राजदूत से गुप्त रूप से मिल रहे थे... सैम पित्रोदा का बयान स्पष्ट करता है कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी का चीन के प्रति नरम रुख है।"
भाजपा नेता अजय आलोक ने पित्रोदा के बयान पर कहा, "सैम पित्रोदा राहुल गांधी के मेंटर हैं... राहुल गांधी ने भी चीन की पीपुल्स लिबरेशन पार्टी के साथ एक गुप्त संधि पर हस्ताक्षर किए हैं। राजीव गांधी ने चीन से धन लिया था। जवाहरलाल नेहरू ने अक्साई चिन और भारत की UNSC में सीट चीन को दी थी। कांग्रेस और चीन के बीच दोस्ती काफी पुरानी है।" नई दिल्ली में हुई भगदड़ की घटना पर आलोक ने कहा, "यहां राजनीतिक गिद्ध हैं। वे किसी भी घटना का राजनीतिकरण कर सकते हैं। लोग अब इसे समझ चुके हैं। वे लोगों की मौतों का राजनीतिकरण कर सकते हैं। महाकुंभ पर सवाल उठाना लाखों हिंदुओं की आस्था पर हमला है।"
Watch: On whether US President Donald Trump and PM Modi will be able to control the threat from China, Indian Overseas Congress Chief Sam Pitroda says, "I don't understand the threat from China. I think this issue is often blown out of proportion because the U.S. has a tendency… pic.twitter.com/UaBvPVqdsr
— IANS (@ians_india) February 17, 2025