Prime Minister Narendra Modi: 21वीं सदी के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा भारत की सौर क्रांति का अध्याय : मोदी
- Pradeep Sharma
- 16 Sep, 2024
Prime Minister Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गांधीनगर में ‘वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक बैठक एवं प्रदर्शनी
गांधीनगर। Prime Minister Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गांधीनगर में ‘वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक बैठक एवं प्रदर्शनी’ (री-इनवेस्ट 2024) के चौथे संस्करण को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन में देश की तेज प्रगति के लिए हर क्षेत्र और कारक पर ध्यान देने की कोशिश की है।
Prime Minister Narendra Modi: पीएम मोदी ने कहा कि न केवल देशवासियों बल्कि पूरी दुनिया को लगता है कि भारत 21वीं सदी के लिए सबसे अच्छी जगह है। प्रधानमंत्री ने कहा, पहले 100 दिन (केंद्र सरकार के तीसरे कार्यकाल के) में आप हमारी प्राथमिकताओं, गति और पैमाने को देख सकते हैं। हमने देश की तेज प्रगति के लिए जरूरी हर क्षेत्र और कारक पर ध्यान देने की कोशिश की है।
Prime Minister Narendra Modi: मोदी ने कहा, भारत की विविधता, पैमाना, क्षमता, संभावना और प्रदर्शन अद्वितीय है और यही कारण है कि मैं वैश्विक अनुप्रयोग के लिए भारतीय समाधान कहता हूं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अगले 1,000 वर्षों के लिए वृद्धि का आधार तैयार कर रहा है और हमारा ध्यान केवल शीर्ष पर पहुंचने पर नहीं, बल्कि इस स्थान को बनाए रखने पर है।
Prime Minister Narendra Modi: प्रधानमंत्री ने कहा, दुनिया इसे बहुत अच्छी तरह से समझ रही है। केवल भारतीय ही नहीं, आज पूरी दुनिया को लगता है कि भारत 21वीं सदी के लिए सबसे अच्छा दांव है। उन्होंने री-इन्वेस्ट 2024 में कहा, हमारे लिए हरित भविष्य और शुद्ध शून्य उत्सर्जन केवल दिखावटी शब्द नहीं हैं। ये देश की जरूरतें हैं और हम इसे हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
शहरों को मॉडल ‘सौर शहर’ के रूप में किया जाएगा विकसित
मोदी ने बताया कि उनकी सरकार अयोध्या और 16 अन्य शहरों को मॉडल ‘सौर शहर’ के रूप में विकसित पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों ने देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि जब 21वीं सदी का इतिहास लिखा जाएगा, तो भारत की सौर क्रांति का अध्याय स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।
मोदी ने कहा कि भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लिए अपनी ऊर्जा जरूरतों को समझता है और चूंकि देश के पास अपने तेल और गैस संसाधन नहीं हैं, इसलिए हमने सौर, पवन, परमाणु और जल विद्युत के बल पर अपना भविष्य बनाने का फैसला किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने हरित ऊर्जा के क्षेत्र में कई बड़े फैसले लिए हैं, जिसमें 7,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ अपतटीय हरित ऊर्जा परियोजनाओं के लिए व्यवहार्यता अंतर कोष (वीजीएफ) योजना और 31,000 मेगावाट पनबिजली उत्पादन के लिए 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी शामिल है।
अपनी सरकार के काम की गति और पैमाने पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों के लिए सात करोड़ घर बनाने का निर्णय लिया गया था, जिनमें से चार करोड़ उनके दूसरे कार्यकाल में ही पूरे हो गए।
उन्होंने बताया कि उनकी सरकार के तीसरे कार्यकाल में तीन करोड़ और घर बनाए जाएंगे। इसके अलावा 12 औद्योगिक शहरों, आठ उच्च गति वाली सड़क गलियारा परियोजनाओं के निर्माण के साथ ही 15 से अधिक भारत में बनी अर्ध-उच्च गति वाली वंदे भारत रेलगाड़ियां शुरू की जाएंगी।
मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक परिवहन और उच्च प्रदर्शन वाले बायो विनिर्माण के लिए कई पहल करने के अलावा 1,000 अरब रुपये के शोध कोष का प्रावधान किया है।
उन्होंने कहा, भारत पेरिस में की गई जलवायु प्रतिबद्धताओं को समयसीमा से नौ साल पहले पूरा करने वाला पहला जी20 का देश है। जी20 देशों में हम इसे हासिल करने वाले एकमात्र देश हैं। हमने वह किया जो विकसित देश नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि भारत 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई स्तर पर काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ के लिए सरकार धन मुहैया कराती है और हर घर में सोलर रूफटॉप लगाने में मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि इस योजना से हर घर बिजली उत्पादक बनने जा रहा है।
Prime Minister Narendra Modi: प्रधानमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत 1.3 करोड़ परिवारों ने पंजीकरण कराया है, जबकि 3.25 लाख घरों ने छत पर सौर संयंत्र (रूफटॉप) लगा लिया है। उन्होंने कहा, योजना से जुड़ा हर परिवार जलवायु परिवर्तन से लड़ने में बड़ा योगदान देगा। जब 21वीं सदी का इतिहास लिखा जाएगा, तो भारत की सौर क्रांति का अध्याय स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।

