फ्रांस के दौरे पर हैं पीएम मोदी, वीर सावरकर को क्यों किया याद, पढ़ें पूरी खबर

पीएम मोदी ने मार्सिले में वीर सावरकर को दी श्रद्धांजलि, स्वतंत्रता संग्राम का महत्वपूर्ण इतिहास याद किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीन दिवसीय फ्रांस दौरे के अंतिम चरण में मार्सिले पहुंचे, जहां उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी वीर सावरकर को श्रद्धांजलि दी। बुधवार को पीएम मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मजार्गेस युद्ध स्मारक पर जाकर प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मार्सिले का भारत की स्वतंत्रता संग्राम में विशेष महत्व है। पीएम मोदी ने कहा, "मार्सिले का भारत की आजादी में खास महत्व है। वीर सावरकर ने यहीं से साहसिक पलायन का प्रयास किया था।" उन्होंने मार्सिले के लोगों और उस समय के फ्रांसीसी आंदोलकों का धन्यवाद किया, जिन्होंने सावरकर को ब्रिटिश अधिकारियों के हवाले नहीं करने की कोशिश की थी।
सावरकर का साहसिक पलायन
वीर सावरकर का मार्सिले से जुड़ाव 8 जुलाई 1910 को हुआ, जब उन्हें ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा एक राजनीतिक कैदी के रूप में लंदन से भारत ले जाया जा रहा था। इस दौरान उनका जहाज एस एस मोरिया मार्सिले के बंदरगाह पर पहुंचा। सावरकर ने इस अवसर का लाभ उठाते हुए एक पोर्टहोल के जरिए जहाज से बाहर निकलने की कोशिश की और तट पर तैरने लगे। हालांकि, इससे पहले कि वह सफल होते, उन्हें फ्रांसीसी अधिकारियों ने पकड़कर ब्रिटिश अधिकारियों को सौंप दिया।
सावरकर के इस भागने के प्रयास ने फ्रांस और ब्रिटेन के बीच कूटनीतिक तनाव को जन्म दिया। फ्रांस ने आरोप लगाया कि सावरकर की वापसी अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन थी, क्योंकि उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था। 1911 में स्थायी मध्यस्थता न्यायालय ने इस मामले में फैसला सुनाया कि सावरकर की गिरफ्तारी में अनियमितता थी, लेकिन ब्रिटेन उन्हें वापस करने के लिए बाध्य नहीं था।
मार्सिले की यात्रा का महत्व
पीएम मोदी की इस यात्रा का उद्देश्य न केवल सावरकर के साहस को याद करना था, बल्कि भारत और फ्रांस के बीच संबंधों को और मजबूत करना भी था। उन्होंने कहा, "वीर सावरकर आज भी हमारी पीढ़ियों को प्रेरित करते हैं।" इस प्रकार, पीएम मोदी की मार्सिले यात्रा ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्वपूर्ण अध्याय को पुनर्जीवित किया और सावरकर के साहसिक प्रयासों को याद किया।